आज के इस आर्टिकल में Dr Abhinav Bansal MBBS, M S E N T Head के द्वारा समझाया गया है कि टॉन्सिल क्या है इसके लक्षण और कारण क्या है। इसके लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें। आपको टॉन्सिल से संबंधित काफी जानकारी मिलने वाली है।
टॉन्सिलाइटिस क्या है (What is Tonsillitis)
टॉन्सिलाइटिस क्या है(What is Tonsillitis)। टॉन्सिल गर्दन में तालु के दोनों तरफ पिस्ता के आकार की दो ग्रंथि होती है। जो कि तन को बाहरी संक्रमण से बचाती है। टॉन्सिल में एक लिम्फोइड कि जोड़ी है जो टॉन्सिल लसीका तंत्र (lymphatic system) का हिस्सा हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। हालांकि, टॉन्सिल को हटाने से संक्रमण की संभावना नहीं बढ़ती है। टॉन्सिल आकार में व्यापक रूप से भिन्न होते हैं और संक्रमण होने पर सूज जाते हैं। गले में संक्रमण के कारण टॉन्सिल सूज जाते हैंं, जिसे हम टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis) कहते हैंं।
आपके टॉन्सिल फिल्टर के रूप में कार्य करते हैं, कीटाणुओं को फंसाते हैं जो आपके वायुमार्ग में प्रवेश कर सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। वे संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी भी बनाते हैं। लेकिन कभी-कभी, वे बैक्टीरिया (bacteria) या वायरस (virus) से अभिभूत (overwhelmed) हो जाते हैं। इससे उनमें सूजन हो सकती है। टॉन्सिलाइटिस बच्चों के लिए आम है और यह बच्चों में देखने को भी मिलता है येे कभी कभी होता है और ये दोबारा भी हो सकता है।
टॉन्सिलाइटिस के प्रकार
टॉन्सिलाइटिस के तीन प्रकार है।
तीव्र टॉन्सिलाइटिस (Acute tonsillitis) –
यह सामान्य 3 से 4 दिन तक रहता है। लेकिन अंतिम यह 2 सप्ताह तक हो सकता है।
आवर्तक टॉन्सिलाइटिस (recurrent tonsillitis ) –
यह तब होता है जब आपको साल में कई बार टॉन्सिलाइटिस हो जाता है। यह इस तरह परिभाषित किया जाता है। एक साल में सात से अधिक एपिसोड, दो साल की अवधि के दौरान एक वर्ष में पांच से अधिक एपिसोड, तीन साल की अवधि के दौरान एक वर्ष में तीन से अधिक एपिसोड।
क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस (chronic tonsillitis ) –
यह तब होता है जब आपको लंबे समय तक टॉन्सिल का संक्रमण होता है। आवर्तक या पुरानी टॉन्सिलाइटिस दोनों बार – बार होने पर मरीज के गले में खराश बनाकर रहते हैं। जो की मरीज की जिंदगी का हिसा बन जाते हैं।
टॉन्सिलाइटिस होने के लक्षण
आमतौर पर टॉन्सिलाइटिस के मुख्य लक्षण गले में सुजन है। लेकिन कभी – कभी ये इतना बढ़ जाता है कि मुंह से सांस भी नहीं लिया जाता हैं। इसके कुछ और लक्षण निम्नलिखित हैं
- गले में नियमित दर्द होना, कुछ भी न खाया जाना, इतनी खतरनाक कुछ भी खाने पर गले में लगना।
- शरीर में तापमान होने के साथ अगर गले में दर्द है तो ये टॉन्सिलाइटिस का लक्षण है।
- जब आपका टॉन्सिल संक्रमित होता है। फिर टॉन्सिल के ऊपर सफेद या पीला रंग की परत चढ जाति है।
- सिर में नियमित दर्द होना भी टॉन्सिलाइटिस का लक्षण होता है।
- टॉन्सिलाइटिस होने के करना अवाज में कर्कशता आ जाति है और आवाज भी बैठ जाति है ।
- टॉन्सिल के संक्रमित होने के करण वो सुज जाते हैं। जिस्से गले में भी सुजन आ जाति है।
टॉन्सिलाइटिस होने के कारण
टॉन्सिल शरद ऋतु में ज्यादा बढने वली ऐसी बिमारी है। जो की बैक्टीरियल या वायरल दोनों के करण पनपती है। सर्दियों के मौसम में खान-पान की गडबडी होने के करना होती है। शरद ऋतु में टॉन्सिल अनेक कारनो से होता है। जैसे कि:
- अक्सर हम लोग सर्दियों के मौसम में ठंडी चिजे खाते हैं जिससे हमारे गले में प्रॉब्लम होती है और यही बाद में टॉन्सिल के संक्रमित होने का करन बनती है।
- नियमित खांसी- जुकाम रहने पर गले में संक्रमण बना रहता है। जिससे टॉन्सिल भी संक्रमित हो जाता है।
- कभी – कभी नियमित खट्टा खाने से गले में नियमित खटास बनी रहती है जो की टॉन्सिल को संक्रमित करता है।
- वायरल संक्रमण के होने से सबसे पहला प्रभाव गले पर ही होता है। क्योंकि टॉन्सिल बहार से आने वाले संक्रमण को खतम करता है तो इस्का प्रभाव सबसे पहले टॉन्सिल पर ही होता है।
- सही खान-पान ना होने की वजाह से इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। और कामजोर इम्युनिटी होने की वजह से शरीर में बाहर से आनी वाली बिमारियो को रोकने की शमता कम हो जाती है।
टॉन्सिलाइटिस से बचाव
टॉन्सिलाइटिस से बचाओ के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान देना है
- मौसम चेंज होने पर ज्यादा ठंडा और खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना है।
- शादी विवाह में ऐसी चीजें जो आपके गले को खराब करें उनसे दूर रहना है।
- आपको गरारे करने हैं साथ में गर्म पानी का हलके नीवाये पानी का सेवन करना है।
Disclaimer : इस आर्टिकल में हमने आपको टॉन्सिल के लक्षण और कारण बताएं यह सिर्फ आपके लिए सुझाव है कोई भी डाइट, दवाई, उपचार, करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
आज इस आर्टिकल में हमने आपको टॉन्सिल क्या है इसके लक्षण और कारण बताए हैं अगर आप ऐसे इनफॉर्मेटिव पोस्ट और पाना चाहते हैं तो आप हमारे ब्लॉग को फॉलो कर सकते हैं।