करनाल प्लस पर Dr Leena Shrigyan के द्वारा बताया गया एक ऐसा तरीका जिसकी मदद से हम कमर के नीचे के दर्द को पहचान सकते हैं कि कहीं वह साइटिका की प्रॉब्लम तो नहीं है ? और उसका खुद से इलाज भी कर सकते हैं। लेकिन उसके लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा और अच्छे से इस आर्टिकल को समझना होगा।
आजकल के समय में अपने लिए वक्त निकालना बहुत ही मुश्किल है। क्योंकि सभी लोग पैसा कमाने में इतना ज्यादा व्यस्त हैं कि उन्हें अपना ध्यान रखने का मौका और टाइम दोनों ही नहीं मिलते हैं। जिसके चलते शरीर में बीमारी अपना घर बना लेती हैं और शरीर खराब होने लगता है। यदि किसी व्यक्ति को शरीर में कुछ भी प्रॉब्लम लगती है तो उसे अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए और डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
आजकल कमर के दर्द की प्रॉब्लम भी बहुत ज्यादा देखने को मिलती है जो महिलाओं में ज्यादातर पाई जाती है क्योंकि यह प्रॉब्लम कैल्शियम की कमी की वजह से ज्यादा खड़ा होने की वजह से या ज्यादा बैठने की वजह से हो जाती है।
साइटिका क्या है
हमारे कमर से होते हुए पैरों की एड़ी तक एक नस जाती है जिसको साइटिका नस कहते हैं(sciatica nerve) और इस नस से जुड़ी हुई परेशानी जैसे दर्द, जलन आदि को सायटिका नाम से जाता है। कोई चोट, दुर्घटना या उठने बैठने के गलत तरीका सायटिका के कुछ आम कारण हो सकते हैं, जिस वजह से ये नस दब जाती है और इसमे दर्द शुरू हो जाता है।
सायटिका की प्रॉब्लम पहचाने इन 4 पॉइंट्स से
पहला पॉइंट – किसी भी व्यक्ति की कमर की बनावट जो होती है वह रीड की हड्डी के नीचे वाले पोर्शन में गड्ढे की तरह ही होती है वह एग्जेक्ट L4 और L5 पॉइंट है। इन L4 और L5 पॉइंट को अगर दबाएंगे तो पेन होगा।
दूसरा पॉइंट – जहां पर हिप बॉल के जॉइंट खत्म होते हैं। तो एक लाइन पड़ती है। इस लाइन के सेंटर पर जाएं और उंगलियों और अंगूठियों की सहायता से प्रेशर डालेंगे और इस पॉइंट को प्रेस करते ही जिस साइटिका की प्रॉब्लम है उसके मुंह से चिल्लाने की आवाज आएगी क्योंकि यह बहुत ज्यादा तेज पेन होगा।
तीसरा पॉइंट – अपने हाथ को बिल्कुल सीधा कर लेना है और जहां पर पैर के पास मिडल फिंगर टच होगी उस पॉइंट को प्रेस करके देखना है यदि पेशेंट को इससे दर्द होता है तो साइटिका की प्रॉब्लम 100 परसेंट है।
चौथा पॉइंट – पैर के नीचे, एड़ी के पास एक बोन जाती है। जिसके साइड में दोनों ओर हल्का सा गड्ढा होता है। उसमें दोनों और उंगलियां रख लेने हैं और प्रेस करना है। अगर यहां पर दर्द होता है। तो पेशेंट को शियाटीका की प्रॉब्लम है। यह प्रोसेस दोनों पैरों में करना है और जिस पैर में ज्यादा दर्द होगा उससे फील हो जाएगा कि पेशेंट को साइटिका की प्रॉब्लम है।
यदि इन चारों पॉइंट पर पेन होता है तो कंफर्म हो जाइए कि आपकी शियाटिका की नस ही दबी हुई है। जिसका रीजन यह हो सकता है कि आपकी कमर में कहीं झटका लगा हो या कोई भारी सामान उठा लिया हो।
साइटिका की प्रॉब्लम को ठीक करें मसाज थेरेपी से
सबसे पहले एक कॉमन और ट्रेडिशनल तरीका है मसाज थेरेपी। इसके लिए दोनों पैरों पर और कमर की बैक पर तेल अप्लाई कर लेंगे।
कमर की मसाज
कमर पर मसाज करते समय सबसे पहले L4 और L5 के मनके से होते हुए कमर के दोनों तरफ के हिस्से को हल्का सा प्रेस करते हुए इसको मसाज देंगे। मसाज के लिए आप मुट्ठी बंद कर लेंगे जिससे प्रेशर अच्छे से अप्लाई हो। और दोनों साइड मसाज करनी है और बीच में हिलाते रहना है जिससे जो कंप्रेस्ड नस है वह धीरे-धीरे खुलने की कोशिश में लग जाए। कम से कम 10 से 12 मिनट यह प्रोसेस 1 पॉइंट पर करना है।
पैरों की मसाज
पैरों पर पीछे की ओर और साइड में अच्छे से तेल लगा देंगे उसके बाद पैरों के पीछे अपने दोनों हाथों के अंगूठे से एडी के पास पॉइंट पर रखेंगे और ऊपर की ओर प्रेस करते हुए जाना है। इसे करने से काफी आराम मिलेगा इसके बाद पैरों के साइड में अपने हाथों से एडी के ऊपर वाले पोर्शन को पकड़ेंगे और साइडों में जो फिंगर आ रही हैं उन पर प्रेशर डालते हुए ऊपर नीचे की ओर मसाज करनी है इससे भी काफी ज्यादा आराम मिलेगा।
इसके बाद एडी वाले पॉइंट को एक से 2 मिनट तक दबाना है। यह प्रोसेस दोनों पैरों में करना है। हिप के नीचे वाले पॉइंट पर थम रखकर गोल-गोल मसाज देनी है।जिससे यहां की नसे धीरे धीरे खुलनी शुरू हो जाए।
सभी पॉइंट को एक मशीन के द्वारा भी प्रेस किया जा सकता है। जिसे चारों पॉइंट पर रखकर ऑन कर देना है और उसमें वाइब्रेशन होगी जिससे काफी आराम मिलेगा। क्योंकि यह पर्टिकुलर उसी पॉइंट के अंदर जाकर वाइब्रेशन देता है और जिस से आराम मिलता है।
सायटिका के लिए कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे यह प्रॉब्लम दूर हो जाएगी ?
पहली एक्सरसाइज : बैक के लिए जितनी भी प्रॉब्लम होती है भुजंगासन उनमें रामबाण इलाज का काम करता है। भुजंगासन करने के लिए उल्टा लेट जाएं उसके बाद अपने चेस्ट के दोनों तरफ हथेली को रख और कमर के ऊपर वाला पोर्शन हाथों पर उठा ले। इसमें अपने आसन को एक सांप की तरह बना लेना है। और जितनी देर इसे होल्ड किया जा सकता है होल्ड करना है उतना ही अच्छा होगा। सांस लेते हुए ऊपर आना है और कुछ देर होल्ड करना है उसके बाद धीरे- धीरे सांस छोड़ते हुए नीचे की और जाना है।
दूसरी एक्सरसाइज : पेशेंट को एक साइट पर लेटा लेंगे और दोनों पैर को एक दूसरे के ऊपर रखकर इक्वल कर लेंगे। उसके बाद एक पैर को ऊपर उठाना है। सबसे पहले पैर को 30 डिग्री पर उठाना है। इसे आपको तब तक होल्ड करना है जब तक आप आसानी से होल्ड कर सकते हैं। उसके बाद 45 डिग्री पर पैर को उठाना है। अपनी कैपेसिटी के अकॉर्डिंग ही पैर को होल्ड करना है।
उसके बाद 60 डिग्री पर पैर उठाना है और लास्ट में 90 डिग्री पर उठाना है। स्टार्टिंग में यदि आप 10 सेकंड भी होल्ड कर रहे हैं तो करते रहिए । रोज करने से टाइम खुद इंप्रूव हो जाएगा। और धीरे- धीरे एक समय पर आकर एक से 2 मिनट तक हर एंगल पर होल्ड होना शुरू हो जाएगा। इसे शियटीका की नसों में खिंचाव आएगा और यह प्रोसेस दोनों पैरों से करना है।
इसके अलावा कपिंग थेरेपी और कैंडल से सिकाई भी इंक्लूड की जा सकती है। लेकिन यह थेरेपी खुद से नहीं की जा सकती है इसलिए इनको स्वयं से ट्राई ना करें।
Disclaimer – इस आर्टिकल में Karnal Plus द्वारा आपको बताया हैं कि कैसे आप अपनी कमर से नीचे होने वाले दर्द को पहचान सकते हैं कि कहीं वह साइटिका की प्रॉब्लम तो नहीं है और खुद पहचान करके कुछ पॉइंट दबाते ही आप अपने दर्द को ठीक कर सकते है। यह प्रोसेस आप स्वयं से भी आसानी से कर सकते है। आपको कुछ भी करने से पहले कोई भी आर्टिकल से सुझाव लेने से पहले अपने कॉमन सेंस का इस्तेमाल जरूर करना है। और साथ ही साथ डाक्टर से सलाह जरूर लें।
KarnalPlus से संपर्क करने लिए यहाँ क्लिक करें —— KarnalPlus Contact
Karnal Plus के Facebook पेज पे जाने के लिए यहाँ क्लिक करें —— Karnal Plus Facebook