जानें साइनस, साइनस इन्फेक्शन के बारे मे और साइनसाइटिस का आधुनिक इलाज Sinus infection Sinusitis

साइनस क्या है ?

इंसानी खोपड़ी मे हवा से भरी जगह होती है , जिनको साइनस(sinus) कहते हैं। ये माथे पर, नाक की हड्डी के पास, गालों मे, और आँख के पीछे की तरफ होते हैं। माथे, नाक, गाल और आँखों के पीछे की ये सब जगह छोटी नलियों या चैनल्स के द्वारा नाक के मार्ग से जुड़ी होती हैं। इन चैनल की मदद से हवा नाक से होते हुए साइनस तक जाती है और म्यूकस(mucus) साइनस से होते हुए नाक से बाहर आता है। इसी प्रक्रिया के कारण नाक साफ रहती है और कोई बैकटीरिया नहीं पनपता।

साइनस के प्रकार

साइनस 4 तरह की होती है

मैक्सिलेरी(Maxillary) साइनस– ये चेहरे के अंदर, गालों के क्षेत्र के आसपास स्थित होती है। यह साइनस जन्म के समय भी मौजूद होता है और बढ़ता रहता है।

फ्रन्टल(frontal) साइनस – ये चेहरे के अंदर, माथे के क्षेत्र में स्थित है। यह साइनस लगभग 7 साल की उम्र तक विकसित नहीं होता है।

एथमॉइड(Ethmoid) साइनस– ये नाक के क्षेत्र के आसपास, चेहरे के अंदर स्थित है। यह साइनस जन्म के समय मौजूद होता है और बढ़ता रहता है।

स्फेनॉइड(Sphenoid) साइनस – ये साइनस नाक के पीछे, चेहरे में गहरी स्थित होती है। ये किशोरावस्था तक विकसित नहीं होता है

साइनसाइटिस या साइनस इन्फेक्शन क्या होता है ?

आमतौर पर ठंड या किसी तरह की एलर्जी के कारण साइनस मे सूजन आ जाती जिसके कारण ये साइनस ब्लॉक हो जाते हैं और इनमे से हवा या म्यूकस नहीं निकल पाते तो इस स्थिति को ही साइनसाइटिस(sinusitis) कहते हैं।यह आमतौर पर एक वायरल संक्रमण के कारण होता है। लेकिन ये संक्रमण कुछ बैकटीरिया के कारण भी हो सकता है। साइनसाइटिस होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे-

साइनसाइटिस क्यों होता है ? साइनसाइटिस होने के कारण क्या हैं ?

  • एलर्जी
  • सर्दी-ज़ुकाम
  • प्रदूषण
  • धूल या धुआँ
  • बैकटीरिया
  • वायरस

तो अब साइनस, साइनसाइटिस या साइनस इन्फेक्शन के बारे मे समझने के बाद करनालप्लस के इस आर्टिकल में Dr. Varun Duggal से जानेंगे इसके इलाज के बारे मे।

साइनसाइटिस का इलाज

ये एक ऐसा इलाज है जिसमे किसी प्रकार की दवा या सर्जरी का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि सिर्फ हाथों की मदद से साइनस का इलाज किया जाता है। इस इलाज को क्रेनियल ऑसटीयोपथी ट्रीटमेंट(Cranial Osteopathy Treatment)।

  • इस इलाज मे सबसे पहले फ्रन्टल साइनस पर हाथों की मदद से 4-5 मिनट के लिए दबाव या प्रेशर डाला जाता है।
sainas

फिर नाक की दोनों तरफ दो उँगलियों के इस्तेमाल से हल्की मसाज दी जाती है।

साइनस
  • फिर मुह के अंदर दो उँगलियाँ डाल कर ऊपर की तरफ प्रेशर डालकर मैक्सिलेरी साइनस को स्ट्रेच किया जाता है। ऐसा करने पर एथमॉइड साइनस भी खुल जाती है।
  • इसके बाद दोनों हाथों से नाक के आस पास थ्रस्ट दिया जाता है ।
  • अंत में C1 वर्टीब्रा जो की खोपड़ी के निचले हिस्से और गर्दन के सबसे ऊपरी हिस्से मे होती है इसको थ्रस्ट दिया जाता है।

लेकिन ये सारे उपचार खुद पर और किसी और पर करने की कोशिश ना करें और जरूरत पड़ने पर किसी पेशेवर डॉक्टर की सहायता अवश्य लें।

Disclaimer- Karnalplus के इस आर्टिकल मे साइनस, साइनस इन्फेक्शन या साइनसाइटिसऔर Dr. Varun Duggal द्वारा इसके उपचार के बारे में बताया गया है। इस आर्टिकल मे दिया गया उपचार कृपया खुद से करने की कोशिश न करें। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य जरूर लें।

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Dr. Varun Duggal

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