KarnalPlus के इस आर्टिकल मे हम Dr. Priyanka Vishwas से जानेंगे कार्डियक अरेस्ट के बारे मे। इसके कारण, लक्षण और समय रहते इससे कैसे बचाव कर सकते हैं।
कार्डियक अरेस्ट क्या होता है ?
हमारे शरीर मे जब electrical imbalance के कारण दिल की धड़कनें अचानक से रुक जाती हैं तो कार्डियक अरेस्ट होता है। Cardiac Arrest हार्ट अटैक से भी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा हो सकता है। इसमे यदि मरीज को तुरंत उपचार ना मिले तो उसकी जान भी जा सकती है।
Cardiac Arrest के लक्षण
- घबराहट और बेचैनी
- दिल की धड़कन अचानक से बढ़ना
- सीने में दर्द
- ज्यादा पसीना आना
- आंख के सामने अंधेरा छा जाना
- सांस लेने में तकलीफ
कार्डियक अरेस्ट मे कैसे बचाव करें
अगर किसी को अचानक से सीने मे तेज दर्द उठे, धड़कनें बढ़ जाएँ तो मरीज को घुटने मोड़ कर बैठा दे। फिर अदरक, लहसुन या लाल मिर्च मे से कोई एक जो भी घर पर मौजूद हो उस समय, उसे मरीज को चबाने के लिए दें। इसे तब तक चबाना है जब तक आँखों से आँसू न निकाल आए। इन 3 चीजों मे नाइट्रिक आक्साइड(Nitric Oxide) भरपूर मात्रा मे मिलता है। जिससे अगर कार्डियक अरेस्ट शुरू होने वाला हो तो वो थम जाता है।
इसी के साथ एक तौलिया ठंडे पानी से भीगो कर मरीज के माथे पर ठंडी सेक दे सकते हैं।
लोअर लेग वाटर इमर्शन थेरपी – मरीज के पैरों को घुटने तक गरम पानी मे डाल के रख सकते हैं। पानी 45 डिग्री तक गरम होन चाहिए।
जो भी कार्डियक अरेस्ट के पैशन्ट हो वो चाहे तो अपने साथ हमेशा एक टुकड़ा अदरक, लहसुन या लाल मिर्च का रख सकते हैं और जब भी सीने मे दर्द उठे या डाढ़कन तेज लगे इसे चबा सकते हैं।
Disclaimer – कोई भी उपाय, दवा, डाइट करने से पहले अपने विवेक से काम ले और एक बार doctor की सलाह अवश्य लें।
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