हम शाकाहारी है या मांसाहारी ? ये सवाल सदियों से चला आ रहा है और इसी के साथ चली आ रही है ये बहस कि क्या मांसाहार खाना सही है। और क्या हम सिर्फ शाकाहार पर जी जीवित और स्वस्थ नहीं रह सकते। मांसाहारी या शाकाहारी होना सिर्फ अपनी मर्जी पर निर्भर नहीं करता इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे – जलवायु, व्यक्तिगत प्राथमिकताएं और विश्वास, सांस्कृतिक परंपराएं, और भौगोलिक, पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक कारक।
इंसान वैसे तो सर्वहारी होता है। वो मशरूम जो एक तरह की फफूंद(fungus) होती है वो भी खा लेता है और जानवर से लेकर पेड़, पौधे, फल सब्जियां जैसा शाकाहार भी खाता है। भारत मे 10 ऐसे राज्य हैं जहां कीड़े-मकौड़े भी खाए जाते हैं। अब इन कारणों से अवगत होने के बाद आइए करनालप्लस पर आज Mukul Saldi से समझते हैं कि इंसान प्राकृतिक और शारीरिक रूप से शाकाहारी बना है या मांसाहारी।
शारीरिक रूप से इंसान शाकाहारी है या मांसाहारी –
नाखून की बनावट
मांसाहारी जानवरों के पंजे और नाखून बहुत पैनेऔर तेज होते हैं जिससे वो मांस को उधेड़ और फाड़ सकें। लेकिन इंसान के नाखून छोटे होते हैं और पैने नहीं होते।
आंत की बनावट
मांसाहारी जानवरों की छोटी आंत भी छोटी होती है जिससे उन्हे मांस पचाने मे आसानी होती है लेकिन मनुष्य और बाकी शाकाहारी जानवरों की आंत लंबी होती है।
विटामिन C
मांसाहारी जीवों मे विटामिन सी अपने आप बनता है। जबकि शाकाहारी जीव जैसे इंसान को पेड़, पौधे, फल और सब्जियों से विटामिन सी मिलता है। विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक बिमारी हो सकती है जिससे अंत मे मौत भी हो सकती है। इसलिये इंसान अगर बस मांसाहार खाने लगे तो इससे उसमे विटामिन सी की कमी हो जाएगी।
जबड़े की बनावट
मांसाहारी जानवर का जबड़ा या मूह बस ऊपर-नीचे की ओर खुलता है लेकिन शाकाहारी जीवों का जबड़ा ऊपर नीचे, दायें-बाएँ हर दिशा मे जा सकता है। ऐसा इसलिये क्यों कि मांसाहारी जानवर को खाना चबाने की जरूरत नहीं पड़ती है वो उसे सीधा निगल सकता और ये उनके पेट मे पचता है है जबकि शाकाहारी जीवों को खाना पचाने को लिए उसे छोटे छोटे टुकड़ों मे काटना और चबाना पड़ता है।
पेट मे अम्ल(acid)
मांसाहारी जानवरों के पेट मे एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिस वजह से वो सड़ा, गला, मांस भी आसानी से खा और पचा सकते हैं और बीमार नहीं पड़ते। लेकिन इंसान अगर सड़ा या गला खाना खा ले तो उसे फूड पॉइज़निंग(food-poisoning) हो जाती है।
तो इन सारी बातों से ये पता चलता है कि शारीरिक रूप से हम शाकाहारी हैं।
लेकिन ये भी समझना जरूरी है की अगर हम बस शाकाहार खाते हैं तो हमारे अंदर विटामिन B12 की कमी हो सकती है। और इसकी कमी के कारण वजन घटना, जी मिचलाना, घबराहट, हार्ट रेट बढ़ना जैसी अन्य समस्या हो सकती है। विटामिन B12 दूध, अंडे और अन्य मांसाहारी चीजों मे पाया जाता है। और इसलिये शायद शाकाहारी जानवरों मे इंसान ही एक ऐसा जानवर है जो दूध पीता है। इसलिये जो लोग मांसाहार नहीं खाते उन्हे दूध या यंदा जरूर खाना चाहिए।
Disclaimer – KarnalPlus पर आज हमने ये समझने की कोशिश की इंसान शाकाहारी होता है या मांसाहारी। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और अपने विवेक से काम ले।
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