आँखों का धुंधलापन कहीं मोतियाबिंद तो नहीं जानें इन 5 तरीकों से

सफेद मोतियाबिंद या कैटरैक्ट(Cataract) आँखों मे होने वाली एक बहुत आम समस्या है। सफेद मोतियाबिंद हर इंसान को देर सवेर जरूर होता है, कोई भी इससे बच नहीं सकता। जब इंसान की उम्र 40 से 60 के ऊपर हो जाती है तब ये समस्या होती है। और इस बिमारी से लोग घबराकर अंधेपन के शिकार हो जाते हैं। लेकिन इसके लिए घबराने नहीं चाहिए क्योंकि इसका इलाज एक छोटे से ऑपरेशन(operation) से किया जा सकता है।

मोतियाबिंद

जागरूकता मे कमी होने के कारण काफी लोग इसका इलाज नहीं कर पाते। इसका कारण ये भी है कि हमारे देश मे आँखों के डॉक्टर की काफी कमी है। हमारी जनसंख्या के हिसाब से देश मे 1.5 लाख आँखों के डॉक्टर होने चाहिए जबकि वर्तमान मे बस 25-30 हजार ही हैं। इस वजह अंधेपन के शिकार सबसे ज्यादा लोग हमारे देश मे हैं। और इस अंधेपन का मुख्य कारण है सफेद मोतियाबिंद। तो करनालप्लस के इस आर्टिकल मे हम Dr. Rahil Chaudhary से जानेंगे कि सफेद मोतियाबिंद क्या होता है, कैसे पता करें की आँख मे सफेद मोतियाबिन्द आ रहा है और जानेंगे इसका इलाज।

सफेद मोतियाबिंद क्या होता है

सफेद मोतियाबिंद को समझने से पहले ये समझना जरूरी है कि हमारी आँखें काम कैसे करती हैं। हमारी आंख एक कैमरा की तरह काम करती है। जैसे एक कैमरा में 1 लेंस होता है और एक रील होती है। वैसे ही हमारी आँखों के आगे की पुतली होती हैं जिसको हम कहते हैं काली पुतली या कॉर्निया(cornea)। फिर आँख के अंदर एक लेंस होता है और लेंस के पीछे होता है एक पर्दा। लाइट कॉर्निया से आँखों के अंदर घुसती है। काली पुतली और लेंस से होते हुए यह पर्दे पर पड़ती है। और परदे से एक नस निकलती है जो हमारे दिमाग से जुड़ती है और हम देखते पाते हैं।

एक नॉर्मल इंसान या यंग इंसान की आंख में जो लेंस होता है बिल्कुल साफ और ट्रांसपेरेंट होता है। लेकिन जैसे हमारी उम्र बढ़ती हैं और बढ़ती उम्र के साथ बाल सफेद हो जाते हैं। वैसे ही बढ़ती उम्र के साथ आंख के अंदर का जो यह लेंस है, यह भी सफेद हो जाता है। अगर यह आँख के अंदर का लेंस सफेद हो गया। इस सफेदी को हम लोग कहते हैं सफेद मोतियाबिंद या कैटरैक्ट।

मोतियाबिंद के लक्षण

  • अगर आपकी उम्र 50 -60 साल से ऊपर है और आपकी आंखों की नजर धीरे धीरे धुंधली होती जा रही है
  • रात को ड्राइव करते हैं तो सामने से लाइट से आँखें चमक जाती हैं
  • कभी कबार कुछ लोगों को डबल दिखना शुरू हो सकता है। जैसे चांद को देख लेते चांद के पीछे एक परछाई दिख रही है।
  • कभी-कभी कुछ लोगों को चीजें सतरंगी दिखनी शुरू हो जाती है।

अगर आप की उम्र 50 साल से ऊपर हैं और आपको ये सारी प्रॉब्लम हो रही है, तो बहुत ज्यादा संभावना है की आपकी आंख में मोतियाबिंद की दिक्कत आ रही है और आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।

मोतियाबिंद

मोतियाबिन्द से जुड़ी गलतफहमियाँ और अंधविश्वास

अक्सर लोगों के मन में इसको लेकर बहुत सारे सवाल होते हैं। कई बार इस बिमारी को लेकर कई तरह के अंधविश्वास और गलत जानकारी फैलाई जाती है। जैसे-

  • मोतियाबिन्द किसी आई ड्रॉप से ठीक किया जा सकता ।
  • कोई जड़ी-बूटी या आयुर्वेदिक इलाज से ये ठीक हो सकता है।
  • मसाज या योग से मोतियाबिंद का इलाज
  • बहुत सारे लोगों के मन मे ये गलतफहमी होती है की ऑपरेशन तभी करवाना चाहिए जब ये पक जाए।

लेकिन मोतियाबिंद का इलाज सिर्फ एक ही इलाज है कि ऑपरेशन से यह जो लेंस सफेद हो गया है, इसको निकाल कर, इसकी जगह पर एक नया लेंस डालना है।

कैटरैक्ट का इलाज

कैटरैक्ट या मोतियाबिंद का इलाज बहुत ही सिंपल सा होता है। ऐसा कोई बहुत बड़ा ऑपरेशन नहीं है। 10 मिनट का ऑपरेशन होता है। ऑपरेशन में कोई दर्द नहीं होता। कोई टांका या पट्टी नहीं लगती। कोई ब्लेड नहीं लगता। कोई हॉस्पिटलाइजेशन नहीं होता। सिर्फ आंख में ड्रॉप डालकर 10 मिनट में ऑपरेशन कर दिया जाता है और अगले दिन से आपकी नजर साफ हो जाती है और आप अपने सारे डेली रूटीन शुरू कर सकते हैं।

पहले जो इलाज होते थे, वह टाकों वाले ऑपरेशन होते थे। उसमें लोग परेशान होते थे। आज कल लेजर से इलाज होता है।लेजर से आंख में कोई दर्द नहीं होता। कोई ब्लेड यूज़ नहीं होता। रिकवरी बहुत फास्ट होती है। आजकल मोतियाबिंद के इलाज बहुत एडवांस हो गए हैं। एक हफ्ते का परहेज रखना होता है कि आंख में पानी न जाए, धूल मिट्टी ना जाए। मोबाइल कंप्यूटर को थोड़ा सा काम लगते हैं और उसके बाद अपना सारा कुछ शुरू कर सकते हैं। कोई दिक्कत होती।

लेकिन लेजर वाले ऑपरेशन तभी हो सकता है जब मोतियाबिंद पका न हो। अगर आँख मे मोतियाबिंद आना शुरू हो गया हो, रोजमर्रा के काम करने में परेशानी हो रही तो ऑपरेशन करवा लेना चाहिए।

कैटरैक्ट के ऑपरेशन के हैं और भी कई फायदे

आजकल मोतियाबिंद के ऑपरेशन मे जो पुराना लेंस निकाल कर नया लेंस डालते हैं वो बहुत एडवांस होता है इसके और भी कई फायदे हैं और ये आँखों की कई अन्य समस्याओं को भी दूर कर सकता है। जैसे –

  • चश्मे का नंबर ठीक हो सकता है।
  • कुछ मामलों मे दूर की, बीच की और पास की तीनों नजरें साफ हो जाती हैं।
  • कुछ मे दूर की, बीच की और पास के लिए चश्मा पहन लिया।
  • आपको कौन सा लेंस सूट करेगा जिससे आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले ये आपका डॉक्टर चेक करके बात सकता है।

इसलिये मोतियाबिंद हो जाए तो घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि हर इंसान को कभी न कभी ये बिमारी जरूरी होगी। इसका इलाज अब बहुत एडवांस हो गया है और 10 मिनट मे एक छोटे से ऑपर्यरटीऑन से आँखों की रोशनी ठीक हो सकती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है की आँखों मे कोई परेशानी आ रही है तो Doctor से जरूर मिलें और खुद से कोई उपचार, self-medication ना करें और ना ही किसी अंधविश्वास या गलतफहमी मे आयें।

Disclaimer – KarnalPlus के इस आर्टिकल मे Dr. Rahil Chaudhary ने मोतियाबिंद के कारण और इलाज के बारे मे बताया है। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और अपने विवेक से काम ले।

KarnalPlus से संपर्क करने लिए यहाँ क्लिक करें —— KarnalPlus Contact

Karnal Plus के Facebook पेज पे जाने के लिए यहाँ क्लिक करें —— Karnal Plus Facebook

Dr. Rahil Chaudhary

Lasik & Cataract Surgeon, Ophthalmologist, Managing Director at Eye7 Hospitals, MBBS MS (Ophth.), Eye7 Chaudhary Eye Centre, Lajpat Nagar, New Delhi

View all posts

श्रेणियां

Dr. Rahil Chaudhary

Lasik & Cataract Surgeon, Ophthalmologist, Managing Director at Eye7 Hospitals, MBBS MS (Ophth.), Eye7 Chaudhary Eye Centre, Lajpat Nagar, New Delhi