डॉ वरुण दुग्गल द्वारा बताया गया एक ऐसा तरीका जिसकी मदद से बिना दवाई के केवल हाथ लगाने से बंद नाक, टेढ़ा जबड़ा और काला मोतिया जैसी समस्याएं होंगी ठीक लेकिन इसके लिए आपको यह आर्टिकल अच्छे से पढ़ना होगा।
दोस्तों यह बात तो हम सभी जानते हैं कि भारत में साइनस की बहुत ज्यादा प्रॉब्लम बढ़ रही है। यह समस्या हर उम्र के इंसान में मिल रही है। कोई पेशेंट को रात को सोते हुए सांस नहीं आता है। जिससे घुटन महसूस होती है और ऐसी ही बहुत सारी समस्याओं का सामना मरीजों को करना पड़ता है। जिसके चलते डॉक्टर के पास जाना पड़ता है।
और अंग्रेजी दवाइयां खानी पड़ती है। जिससे काफी साइड इफेक्ट होता है और कुछ समय के लिए आराम मिलता है लेकिन जब दवाई छूट जाती हैं। यह प्रॉब्लम फिर से होने लगती है। तो इसे जड़ से दूर करने के लिए आज हम इस आर्टिकल में आपको कुछ ट्रीटमेंट बताएंगे आपको उन्हें फॉलो करना है।
साइनस की प्रॉब्लम काफी पेशेंट में पाई जाती है इसका पता कैसे करें और इसका ट्रीटमेंट क्या होगा आइए जानते हैं।
साइनस का पता कैसे करें
साइनस का टेस्ट करने के लिए इल्यूमिनेशन करके दिखाया जाता है। यदि पूरी लाइट इलूमिनेट करें तो समझ जाओ कि मरीज को साइनस की प्रॉब्लम है। यदि किसी को साइनस की प्रॉब्लम नहीं है तो लाइट भी इल्यूमिनेट नहीं होगी। अर्थात आपको लाइट फैली हुई दिखाई देगी अगर आपको साइनस की प्रॉब्लम नहीं है तो लाइट आर पार दिखाई देगी। इसी प्रकार हम नोज पर भी टेस्ट कर सकते हैं।
साइनस का ट्रीटमेंट
साइनस की प्रॉब्लम काफी पेशेंट में देखी जाती है जिसके कारण पेशेंट को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रात को सोते समय पेशेंट को सांस लेने में दिक्कत होती है, सर में दर्द रहता है और भी कई प्रॉब्लम को पेशेंट को फेस करना पड़ता है।
सबसे पहले पेशेंट को सीधा लेटा लेंगे और फ्रंटल साइनस को खोलने के लिए अपने दोनों हाथों से पेशेंट के दोनों आंखों के ऊपर वाले पोर्शन में हल्का-हल्का प्रेस करेंगे। और इससे पेशेंट का साइनस ब्रेन होने में हेल्प मिलती है। 4 सेकंड के लिए होल्ड करना है और 4 सेकेंड के लिए प्रेस करना है इसी प्रोसेस को 2 से 3 मिनट रिपीट करना है। यह टेक्निक यूरोप में बहुत ज्यादा प्रयोग की जाती है।
नेसलकेरेटी का ट्रीटमेंट
यदि किसी पेशेंट की नजर के आईटी फील्ड ऑफ है तो उसके लिए दोनों हाथों की उंगलियों से नाक पर हल्की हल्की मसाज करनी है। ऐसे धीरे धीरे करने से नसलक्रेटी खुल जाती है।
इन दोनों ट्रीटमेंट को करने के बाद हम परिकश्चन करते हैं। कि जो कब अभी तक ब्रेन आउट किया है वह पूरा बाहर निकल जाए।
मैक्सिलेरी साइनस का ट्रीटमेंट
पेशेंट को सीधा लेटा लेंगे और पेशेंट का मुंह खुलवा लेंगे उसके अंदर जबड़े के ऊपर वाले पोर्शन में अपने दोनों हाथों की एक एक फिंगर को अंदर डालकर स्ट्रेच करना है जिससे जिस पेशेंट को कफिंग और ब्रिथिग में प्रॉब्लम है उसमें यह आराम देगा। रात में सोने में प्रॉपर सांस ना आए उसमें भी यह आराम देती है। इससे स्नोइंग की प्रॉब्लम भी खत्म हो जाती है।
डीप टिशु मसाज द्वारा माउथ ओपनिंग का ट्रीटमेंट
जिसकी माउथ ओपनिंग कम है उसके लिए मुंह के लेफ्ट वाले गाल के अंदर वाले पोर्शन में प्रेस करके 4 फिंगर गाल के ऊपर रखकर हल्के हल्के मसाज देनी है और इसी प्रकार दूसरे साइड भी इसी प्रक्रिया को दोहराना है। दोनों तरफ से डीप टिशु मसाज देने के बाद आपको माउथ ओपनिंग में ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होगी आपका मुंह जितना पहले खुलता था उससे ज्यादा ही डीप टिशु मसाज के बाद खुलेगा। यह सबसे ज्यादा प्रॉब्लम तंबाकू, गुटका खाने वालों के सामने आती है।
फेशियल डिस्टॉर्शन का ट्रीटमेंट
बहुत से पेशेंट को फेशियल डिस्टॉर्शन की प्रॉब्लम होती है इसका मतलब है कि बहुत से पेशेंट का फेस एक साइड की ओर होता है। उसे ठीक करने के लिए कार्योपैथिक ट्रीटमेंट देंगे उसके लिए पेशेंट की फेस को अपने दोनों हथेली से पकड़ ले और राइट साइड में फेस करके हल्की हल्की मसाज दें यह प्रोसेस पांच 5 सेकंड के लिए दो तीन बार रिपीट करना है। और दूसरा तरीका है कि हम राइट साइड में फेस करके ऊपर के साइड दोनों हाथों से हल्का-हल्का छोड़ देंगे इससे भी काफी आराम मिलेगा।
साइनस के लिए भी थरस दिया जाता है दोनों हाथों को नाक के पास से थरस देना है इससे साइनस में काफी आराम मिलेगा।
ग्लूकोमा (काला मोतिया) का ट्रीटमेंट
ग्लूकोमा कि भारत में बहुत ज्यादा प्रॉब्लम है। इसके बहुत मरीज पाए जाते हैं। इसका ट्रीटमेंट करने के लिए आंखों में इंजेक्शन भी लगवाए जाते हैं। कई बार लेजर्स भी करानी पड़ती है। क्रीनिओसथोपेडिक की मदद से इसको रिड्यूस किया जा सकता है। इंट्रो ओपरो प्रेशर कम कर सकते हैं।
पेशेंट को सीधा लेटा लेंगे उसके बाद अपनी 3 उंगली से आंखों के ऊपर और आंखों के बीच में हल्का हल्का प्रेशर देना है जो हमारे आंखों के प्रेशर प्वाइंट होते हैं उन पर प्रेशर देखकर हम उन्हें खोल रहे हैं। जिससे पेशेंट का इंट्रो ऑफलो प्रेशर कम हो जाए। और पेशेंट अच्छा फील करे और उसका इजीलि ब्रेन आउट हो जाए ।
बहुत से लोगों में फेस डिस्ट्रक्शन भी पाया जाता है बहुत से लोगों का फेस राइट साइड बहुत लोगों का फेस लेफ्ट साइड की ओर हल्का सा होता है। प्रेशर की हेल्प से हम उसको ठीक कर सकते हैं पर जहां पर हैवी पोर्शन लगेगा वहां पर धीरे-धीरे प्रेशर डालना है जिससे काफी आराम मिलेगा। यह ट्रीटमेंट फेशियल कैंसर वाले के लिए, फेशियल पेरालाइसेंस के लिए बहुत ही यूज़फुल है। इसी तरीके से हम अपने कई बीमारियों को ठीक कर सकते हैं।
Disclaimer – इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि कैसे बिना दवाई के केवल हाथ लगाने से बंद नाक, टेढ़ा जबड़ा और काला मोतिया जैसी समस्याएं ठीक होंगी लेकिन यह प्रोसेस किसी एक्सपर्ट के द्वारा ही किया जाता है इसे घर पर ट्राई करने की कोशिश मत करें और कोई भी दवाई, उपचार या फिर डाइट को फॉलो करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी है।