डीएनए (DNA) क्या है ?
डीएनए (DNA) एक महत्वपूर्ण जैविक अणु या बायोलॉजिकल मोलेक्यूल (biological molecule ) है जो सभी जीवित जीवों के विकास, कार्य, वृद्धि और प्रजनन के लिए आनुवंशिक निर्देश देता है। यह एक जीव की प्रत्येक कोशिका में मौजूद होता है और इसमें वह कोड होता है जो उस जीव के लक्षणों और विशेषताओं को निर्धारित करता है।
आरएनए (RNA) क्या है ?
आरएनए (RNA) एक एसिड है जो जीवों के शरीर में पाया जाता है। यह डीएनए (DNA) के बाद दूसरा महत्वपूर्ण न्यूक्लियोटाइड है जो जीवों के जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह भी डीएनए की तरह एक बायोलॉजिकल मोलेक्यूल होती है जो जीवों की आनुवंशिक जानकारी को संरक्षित रखती है।
RNA डीएनए के साथ काम करती है और उसकी जानकारी को उपयोगकर्ता द्वारा पढ़ा जा सकता है। RNA न्यूक्लियोटाइड बुनियादी रूप से तीन प्रकार की होती हैं: मैसेंजर आरएनए (mRNA), रिबोसोमल आरएनए (rRNA) और ट्रांसफर आरएनए (tRNA)।
डीएनए और आरएनए का फुल फॉर्म क्या है ?
डीएनए (DNA) की फुल फॉर्म डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid) है।
आरएनए (RNA) का पूरा नाम राइबो न्यूक्लिक एसिड (Ribonucleic acid) है।
DNA और RNA में क्या अंतर है ?
डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) और आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) दोनों न्यूक्लिक एसिड हैं और जीवित जीवों में आनुवंशिक जानकारी और प्रोटीन संश्लेषण में आवश्यक भूमिका निभाते हैं। हालाँकि, दोनों के बीच कुछ प्रमुख अंतर हैं:
बनावट: डीएनए एक डबल-स्ट्रैंडेड अणु है जो एक हेलिक्स बनाता है, जबकि आरएनए आमतौर पर एक सिंगल-स्ट्रैंडेड अणु होता है जो जटिल आकार में बदल सकता है।
आधार: डीएनए के चार आधार होते हैं: एडेनिन (ए), गुआनिन (जी), साइटोसिन (सी), और थाइमिन (टी)। आरएनए में भी ए, जी और सी होता है, लेकिन थाइमिन के बजाय इसमें यूरैसिल (यू) होता है।
कार्य: डीएनए आनुवंशिक सूचनाओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संग्रहीत करने और प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार है, जबकि आरएनए कई भूमिकाएँ निभाता है, जिसमें डीएनए से राइबोसोम तक आनुवंशिक जानकारी ले जाना शामिल है, जहाँ प्रोटीन संश्लेषण होता है।
स्थिरता: डीएनए अपेक्षाकृत स्थिर होता है और लंबे समय तक बना रह सकता है, जबकि आरएनए अपेक्षाकृत अस्थिर होता है और इसका जीवनकाल कम होता है।
कुल मिलाकर, डीएनए और आरएनए उनकी संरचना, आधार, कार्य और स्थिरता में अलग होते हैं, और ये अंतर उन्हें कोशिकाओं में अलग तरह के काम करने की अनुमति देते हैं।
डीएनए टेस्ट क्या होता है
डीएनए टेस्ट एक प्रकार का जांच होती है जिसमें वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग करके व्यक्ति के डीएनए (DNA) में मौजूद विशिष्ट जीनों को खोजने और वर्णन करने के लिए किया जाता है।
DNA एक विशिष्ट प्रकार का अणु होता है जो जीवों में उनकी जन्मजात गुणवत्ता और विशेषताओं को निर्धारित करता है। डीएनए टेस्ट का उपयोग जीवविज्ञान, आनुवंशिक और फोरेंसिक विज्ञान जैसे कई क्षेत्रों में किया जाता है।
यह टेस्ट आमतौर पर एक नमूने से लिया जाता है और उसमें मौजूद DNA को वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से विशिष्ट जीनों के लिए स्कैन किया जाता है। यह टेस्ट मानव जीवन के कई पहलुओं में उपयोगी होता है, जैसे वंशज खोज, जीवाश्मों की पहचान, जीवाणु और वायरसों के विश्लेषण, विवादों के समाधान आदि।
डीएनए टेस्ट कब किया जाता है ?
DNA test कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। ये उद्देश्य निम्नलिखित हो सकते हैं:
वंशजों की पहचान करने के लिए: DNA टेस्ट का सबसे आम उद्देश्य वंशजों की पहचान करना होता है। इसके लिए वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से पूर्वजों से जुड़े विशिष्ट जीनों को खोजा जाता है।
रोग के निदान के लिए: कुछ रोगों के निदान के लिए DNA टेस्ट किया जाता है। इसके माध्यम से विशिष्ट जीनों को खोजा जाता है जो रोग के विकास में जिम्मेदार होते हैं।
आनुवंशिक विश्लेषण के लिए: DNA टेस्ट का उपयोग आनुवंशिक विश्लेषण के लिए भी किया जाता है। इसके माध्यम से विशिष्ट जीनों को खोजा जाता है जो जन्मजात गुणवत्ता या विशेषताओं के लिए जिम्मेदार होते हैं।
फोरेंसिक विश्लेषण के लिए: फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भी DNA टेस्ट किया जाता है। इसके माध्यम से जीवाणु, वायरस और अन्य विषाणुओं के विश्लेषण किया जा सकता है और आपत्तिजनक गतिविधि।
Karnalplus के इस आर्टिकल में डीएनए और उससे जुड़े सवालों के बारे में बताया गया है।
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