हम सभी हमेशा एक अच्छी सेहत चाहते हैं, जिसके लिए हम हेल्थी फूड, डाइट और कई तरह की हेल्थ टिप्स पर भरोसा करके उनका पालन करते हैं। इस वजह से बाजार मे किसी भी उत्पाद(product) को स्वास्थ्यवर्धक के नाम पर बेचा जा रहा है चाहे आती से लेकर बिस्किट तक। और लोग इनपर भरोसा भी करते हैं और ऐसे प्रोडक्ट का सेवन करते रहते हैं। बिना ये जाने या समझे की या ये चीजें सच मे हेल्थी है या इनके कोई अन्य फायदे हैं।
कोई भी प्रोडक्ट कितनी हेल्थी है या हमारे लिए कितनी नुकसानदायक है ये हम उस खाने को बनाने मे प्रयोग होने वाली सामग्री(ingredients) का पता लगा कर जान सकते हैं। बाजार से खरीदी हुई हर एक चीज के पैकेट पर उसकी सामग्री लिखी होती है लेकिन बहुत कम लोग ही इस पर ध्यान देते हैं। इन चीजों का प्रचार ही इस तरह से किया जाता है कि ये लगे ये स्वास्थ्यवर्धक है और हम इसी को सच मान कर बनने मे प्रयोग हुई सामग्री चेक करना जरूरी नहीं समझते।
कंपनी या ऐसे प्रोडक्ट खुद को हेल्थी इसलिये दिखाते हैं क्योंकि स्वस्थ या हेल्थ के नाम पर ये कस्टमर से ज्यादा पैसे ले सकें। सच्चाई ये है की बाजार मे मिलने वाली चीजें जो खुद को हेल्थी और आम चीजों से ज्यादा स्वयथ्यावर्धक दिखाती हैं उनमे से बहुत कम ही सच मे हेल्थी होती हैं।
जानें इन 3 हेल्थी फूड का सच
इन प्रॉडकूटस का सच जानना इसलिये भी जरूरी हो जाता है क्योंकि ऐसे प्रोडक्टस हमसे ज्यादा पैसे ले रहे होते हैं और इनको स्वास्थ्यवर्धक समझ कर हम इन्हे खाते रहते बिना ये समझे कि इनमे और आम चीजों मे कोई खास फर्क नहीं होता और इस वजह से हम अपने स्वस्थ को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। तो आज हम करनालप्लस पर Dr. Mukul Saldi ने 3 ऐसे ही चीजों के बारे मे जो खुद को हेल्थी तो दिखाती हैं लेकिन हैं नहीं।
फ्रूट जूस(fruit juice)
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जब भी हम किसी फ्रूट का जूस निकालते हैं तो उस फल मे मौजूद शुगर(fructose) हमारे जूस मे आ जाती है जिससे फैटी लिवर की समस्या होती है। लेकिन फ़ाइबर, जो फल का अच्छा हिस्सा होता है, वो बाहर रह जाता है। जिनको डायबिटीज, फैटी लिवर, या मोटापे की समस्या है उनको कम कैलोरी(calorie) लेनी चाहिए, लेकिन एक ग्लास जूस के लिए 4 फ्रूट लगते जिसमे काफी ज्यादा कैलोरी होती हैं और इससे मोटापा या शुगर और बढ़ जाता है। क्योंकि हमारी बॉडी ज्यादा शुगर हो तो उसे फैट मे बदल देती है। और इससे हमारा पेट भी नहीं भरता और हमे फिर से भूख लग जाती है। इसलिये फ्रूट जूस की जगह फ्रूट खाना ही अच्छा होता है।
मल्टीग्रेन आटा(Multigrain atta)
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आजकल मल्टीग्रेन आटा काफी प्रचारित किया जाता है ये बताते हुए की ये नॉर्मल आटे से कहीं ज्यादा फायदेमंद होता है लें अगर आग दोनों मे मिलने वाले पोशाक तत्व की मात्रा(nutritional value) एक साथ चेक करेंगे तो पता चलेगा कि 100 ग्राम नॉर्मल आटे मे 362 कैलोरीस(calories) होती हैं और 100 ग्राम मल्टीग्रेन आटा मे 365 कैलोरीस(calories) तो कैलोरीस मे ज्यादा अंतर नहीं है। साधारण आटे मे 74% कार्बोहाइड्रेट्स(carbohydrates) होती हैं और मल्टीग्रेन आटे मे 72.9 ये भी कोई खास अंतर नहीं हुआ। साधारण आटा मे प्रोटीन 12.6% और मल्टीग्रेन मे 14.5% जो की केवल 2% का अंतर है। फैट की बात करे तो साधारण आटा मे 1.9% और दूसरे मे 1.7%।
अब अगर इन दोनों आटे मे प्रोयोग होने वाली सामग्री(ingredients) की बात करें तो मल्टीग्रेन आटे मे 90.9% मतलब 91% के आसपास नॉर्मल आटा, 5.2% सोया का आटा तो इसका मतलब ये है कि हमें मल्टीग्रेन आटे मे भी 91% साधारण आटा ही मिल रहा है उसमे बस 9% कुछ अलग चीजें मिल कर हमे ये प्रोडक्ट डबल दाम पर बेचा जाता है।
हर कंपनी अगर 100 ग्राम आटे मे 2 ग्राम कोई और आटा मिला दें तो उसको मल्टीग्रेन कहती हैं। क्योंकि वो ये चाहती हैं की प्रोडक्ट को स्वास्थ्यवर्धक बनाने मे उनका कोई ज्यादा खर्चा ना हो और आपसे वो ज्यादा पैसे ले सकें। इसलिये बाजार से मिलने वाले मल्टीग्रेन आटे से कोई फायदा नहीं होगा इससे अच्छा ये है की आप खुद किसी अच्छे डॉक्टर से पता करके अलग अलग आटे को मिला कर अच्छा मल्टीग्रेन आटा खुद से बनवाएँ।
ओट्स बिस्किट्स/हेल्थी बिस्किट्स
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कुछ समय पहले ग्लूकोस बिस्किट्स का काफी प्रचार किया जाता था और अब इन ओट्स बिस्किट्स या हेल्थी बिस्किट्स का क्योंकि कंपनी भी बाजार की मांग के हिसाब से अपना प्रचार बदलती रहती हैं। आटे की ही तरह अगर आप आम बिस्किट और ओट्स बिस्किट्स(oats biscuits) की nutritional value चेक करेंगे तो आम बिस्किट मे 497 कैलोरीस होती हैं जबकि ओट्स बिस्किट्स मे 489.7 कलोरीस मतलब दोनों मे कोई खास अंतर नहीं है।
आम बिस्किट में कार्बोहाइड्रेट्स 67% और दूसरे मे 62.7% यहाँ भी दोनों लगभग समान है। साधारण बिस्किट मे 22% शुगर होती है जबकि ओट्स वाले मे 23.5% मतलब हेल्थी बिस्किट मे ज्यादा मात्रा मे शुगर। नॉर्मल बिस्किट मे फैट 22% जबकि ओट्स वाले मे 22.7%। तो शुगर और फैट दोनों ही हेल्थी बिस्किट मे ज्यादा है जो हमे और मोटा बनाती है। प्रोटीन नॉर्मल बिस्किट मे 8% तो दूसरे मे 8.7% बहुत साधारण स अंतर। ओट्स बिस्किट्स मे बस 5 से 7% ओट्स होते हैं बाकी मैदा ही मिलता है साधारण बिस्किट की तरह।
अगर आप कभी ऐसे किसी हेल्थी बिस्किट के पैकेट पे लिखी सामग्री को पढ़ेंगे को पाएंगे की 3 सामग्री जिनसे ये बिस्किट बने होते हैं वो है मैदा, वेजीटेबल ऑइल, और शुगर। वेजीटेबल ऑइल भी जैसा हम जानते हैं शरीर के लिए ठीक नहीं होता। तो अगर आपको बिस्किट खाने हैं तो साधारण बिस्किट या हेल्थी बिस्किट मे कोई खास फर्क नहीं होता बस पैसे ज्यादा देने पड़ते हैं। इसलिये बिस्किट कोई भी खाएँ पर कम खाएँ।
Disclaimer – करनालप्लस के इस आर्टिकल मे Dr. Mukul Saldi ने ये बताया है कि बाजार मे मिलने वाले प्रोडक्ट जिनको हेल्थी फूड बात कर प्रचारित कीया जाता है वो सच मे इतने हेल्थी नहीं होते। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और अपने विवेक से काम ले।
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