स्प्रेन से निपटने के तरीके: मोच के कारण और उपाय

मोच शब्द हिंदी में अंग्रेजी में ‘Sprain’ का अर्थ है। स्प्रेन तब होती है जब किसी लिगामेंट को चोट लगती है, जो हड्डीयों को एक दूसरे से जोड़ने वाला मजबूत, लचीला ऊतक होता है। स्प्रेन या मोच सामान्यत: जॉइंट्स में होती है, जैसे कि एंकल, नी, या रिस्ट, जब लिगामेंट को एकाएक झटका लगता है या इसमें खिंचाव आती है।

मोच के कारण

  • अचानक टक्कर: जॉइंट पर अचानक टक्कर या झटका लगने से स्प्रेन हो सकती है।
  • जॉइंट का मुड़ना: जॉइंट को एकाएक से मोड़ना या उसे अपने सामान्य सीमा से परे मोड़ना स्प्रेन का कारण हो सकता है। यह सामान्यत: खेल या शारीरिक गतिविधियों के दौरान होता है।
  • भारी वस्तुओं को उठाना: भारी चीजों को उठाना, स्प्रेन को बढ़ा सकती है, विशेषकर पीठ या कंधों में।
  • अत्यधिक उपयोग: जॉइंट या मांसपेशियों का लगातार उपयोग स्प्रेन,के सहित अन्य चोटों का कारण हो सकता है।

मोच के लक्षण

  • दर्द: स्प्रेन का सबसे सामान्य लक्षण दर्द है, जो चोट के परिमाण के अनुसार हो सकता है।
  • सूजन: प्रभावित जॉइंट के आसपास सूजन एक और सामान्य लक्षण है। चोट लगे क्षेत्र में सूजन हो सकती है और छूने पर गरम लग सकती है।
  • नीला-हरा चकत्ता: स्किन के नीचे होने वाले ब्रूजिंग की वजह से स्किन का रंग बदल सकता है। रंग परिवर्तन लाल या बैंगनी से लेकर नीले और हरे तक हो सकता है।
  • अस्थिरता: गंभीर स्प्रेन जॉइंट अस्थिरता में बदल सकती है, जिससे वजन उठाना या प्रभावित अंग का उपयोग करना कठिन हो सकता है।

मोच का इलाज

ऊपर दिए वीडियो में बताया गया है किस प्रकार सिर्फ एक दुपट्टे की मदद से आप मोच के दर्द से आराम पा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको ये वीडियो ध्यान से देखना और समझना पड़ेगा। इसके अलावा कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी आप मोच का असर कम कर सकते हैं:

  • आराम: चोट लगे जॉइंट को उचित आराम देना इलाज के लिए महत्वपूर्ण है।
  • बर्फ: प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ लगाना सूजन को कम करने और दर्द को कम करने में मदद करता है। बर्फ को बार-बार लगाना चाहिए, हर बार 15-20 मिनट के लिए।
  • बैंडेज: प्रभावित क्षेत्र को बैंडेज से बाँधना सूजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  • ऊचाई पर रखना: प्रभावित अंग को ऊचाई पर रखना सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

महत्वपूर्ण है यह ध्यान देना कि गंभीर स्प्रेन या बड़े पैम्फलेट नुकसान के मामलों में चिकित्सा प्राप्त करना चाहिए, और कई मामलों में, शल्य चिकित्सा आवश्यक हो सकती है। सही निदान और उपचार योजना के लिए हमेशा किसी चिकित्सक से परामर्श करें।

धन्यवाद! आपकी सेहत का ख्याल रखें और खुश रहें!

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Dr. Mayank Porwal

Naturopath, Holistic Therapist

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