शंख प्रक्षालन द्वारा आंतों में फंसा, सड़ा, बासी मल होगा बाहर

KarnalPlus पर Dr Mayank Porwal के द्वारा सुझाया गया शंख प्रक्षालन का एक ऐसा तरीका जिसकी मदद से हम अपने पेट और आंतों में फंसी सारी गंदगी और बासी मल को बाहर आसानी से निकाल सकते हैं। लेकिन उसके लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना और अच्छे से इस प्रोसेस को समझना होगा। 

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि आजकल खाने में मैदा काफी यूज़ होता है। मैदा हमारे पेट में बहुत नुकसान पहुंचाता है। और यह हमारे पेट में जम जाता है। सिर्फ मैदा ही नहीं ऐसी हमारे भोजन में बहुत सी चीजें हैं जो हमारे पेट में जाकर जम जाती है। और हैवी खाना खाने की वजह से पेट भी अच्छे से साफ नहीं हो पता है।  जिसके कारण पेट में गंदगी जमा हो जाती है। और जिसके चलते बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

तो आज हम इस आर्टिकल में बात करने जा रहे हैं कि पेशेंट की पेट और आंतों में फंसी सारी गंदगी और बासी मल को कैसे बाहर आसानी से निकाल  सकते हैं? और कैसे इस समस्या को ठीक किया जा सकता है?

कैसे शंख प्रक्षालन द्वारा पेशेंट की आंतों में फंसा सड़ा, बासी मल आसानी से बाहर निकाल सकते हैं ?

जिस प्रकार शंख में ऊपर से पानी डालने पर पानी पूरे शंख में घूम कर बाहर निकलता है। इसी प्रकार व्यक्ति का शरीर भी शंख के समान है अर्थात उसी प्रकार जब व्यक्ति भोजन करता है तो पूरे शरीर में अपनी प्रतिक्रिया करने के बाद वह मल के रूप में शरीर से बाहर निकलता है।  जब हम कुछ खाते हैं तो सबसे पहले वह हमारी क्लास नदी से होकर पेट में आता है उसके बाद आंतों में जाता है आतों से घूमते हुए शरीर से बाहर निकलता है। जिस प्रकार शंख में पानी डालने से पानी निकलता है। 

आंतों की सफाई कैसे करें ?

हमारी आंतें पाइप की तरह होती है वह अंदर और बाहर दोनों जगह से गंदी हो जाती है। उन पर गंदगी जमा होती रहती है। जिससे पेट में समस्या होने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। यदि हम पाइप को साफ नहीं करेंगे तो गंदगी जमा होती जाएगी उसी प्रकार हमें अपनी आंतों को भी साफ करना चाहिए। 

उसके लिए आपको सबसे पहले एक लोटे में 1 लीटर के आसपास पानी ले लेंगे। और उसमें दो चम्मच सेंधा नमक के मिला लेंगे। इसके बाद कागासन में बैठकर इस पानी के दो गिलास पीने हैं। पानी पीने के बाद नौली क्रिया करनी है। नौली क्रिया पेट को घुमा कर की जाती है। यदि किसी पर नौली क्रिया नहीं होती है तो वह  व्यक्ति 5 आसन कर सकता है।

इन आसन को करने से पहले आपको लगभग 15 दिन पहले योगा क्लासेस या आसन की प्रैक्टिस करनी चाहिए जिससे आपका शरीर इन आसन को करने के लिए तैयार हो जाए। और जिस दिन आपको यह प्रक्रिया करनी है उससे एक दिन पहले बहुत हल्का भोजन ले। यह सभी आसन एक साथ तेजी से करने हैं जिससे शरीर में जो पानी है वह अच्छे से बाहर निकले। उससे काफी ज्यादा फायदा होता है। और इनको सुबह खाली पेट करना है। वह पांच आसन इस प्रकार है।

ताड़ासन

सबसे पहला है ताड़ासन इसमें सीधे खड़े होकर अपने दोनों हाथों को ऊपर ले कर जाना है और पंजों पर खड़े होना है। उसके बाद झटके से दोनों हाथों के साथ नीचे आना है। इस आसन को 5 बार करना है। 

तिर्यक ताड़ासन

दूसरा आसन है तिर्यक ताड़ासन। इसमें सबसे पहले सीधा खड़ा होना है। उसके बाद दोनों हाथों को ऊपर ले जाना है और एक दूसरे से पकड़ लेना है। उसके बाद साइड में बैंड होना है जितना आसानी से हुआ जा सकता है। यह प्रक्रिया दोनों साइड करनी है। इस आसन को 5 बार करना है।

कटि चक्रासन

तीसरा आसन है कटिचक्रासन। इस आसन में पैर खोल कर खड़े होना है उसके बाद दोनों हाथों को  छाती के सामने लाना है और दोनों साइड ‌ घूमना है। इस आसन को 5 बार करना है।

तिर्यक भुजंगासन या सर्पासन

चौथा आसन है तिर्यक भुजंगासन । सबसे पहले पेशेंट को उल्टा लेटा लेंगे उसके बाद अपना अगला हिस्सा दोनों हाथों से ऊपर उठा लेंगे पैर को हल्का सा खोल लेंगे उसके बाद गर्दन को हल्का सा पीछे की तरफ बैंड करके दोनों तरफ स्ट्रेच करना है।

उदाराकरणासन

पांचवा आसन है उदाराकरणासन। इसमें सबसे पहले कुकड़ू बैठ जाना है और पैर खोल लेने हैं। उसके बाद एक घुटने को जमीन से मिलाना है और जिस तरफ घुटना मोरंगे उसी तरफ से स्कोर उसी दिशा में मोड़ना है उसी प्रकार यह प्रक्रिया दूसरे घुटने के साथ भी करेंगे। यह भी 5 बार करना है दोनों दिशाओं में पांच-पांच बार करके यह 10 बार हो जाएगा।

इनको करने के बाद फ्रेश होना पड़ेगा। और   फ्रेश होने में आपको जरा भी प्रेशर नहीं लगाना है। यदि नेचुरल तरीके से फ्रेश हो रहे हैं तो ठीक है नहीं तो बाहर आ जाए। और दोबारा आपको पानी पीना है और दोबारा आपको पांचो आसन करने हैं।

उसके बाद फिर से आपको दोबारा प्रेशर बने तब दोबारा जाकर फ्रेश होना है। और उसके बाद पानी की मात्रा एक गिलास कर देने हैं और आपको यह तब तक रिपीट करना है जब तक कि जैसा पानी आप पी रहे हैं वैसा ही पानी आपकी पोटी में से  निकले। यह सब करने के बाद 30 मिनट तक शवासन करना है।

शवासन

सबसे पहले पेशेंट को सीधा लेटा लेंगे। दोनों पैरों को खोल लेंगे और दोनों हाथों को भी खोल कर सीधा लेट जाएंगे। ऐसे 30 मिनट तक लेटना है लेकिन सोना नहीं है। 

 इस आसन को करने के बाद मूंग की दाल की खिचड़ी में गाय का देसी घी डालकर खाना है यदि गाय का देसी घी ना मिले तो कोई भी जी डाल कर आप खिचड़ी को खा सकते हैं। उसके बाद 3 से 4 घंटे आपको रेस्ट करना है क्योंकि इस पूरे प्रोसेस को करने के बाद बॉडी बहुत ज्यादा थक जाती है जिसके कारण तेज नींद आती है लेकिन सोना नहीं है। आप कोई भी हल्का काम कर सकते हैं या बैठ सकते हैं या लेट सकते हैं लेकिन सोना अवॉइड करें।

आपको दो से तीन दिन हल्का खाना ही खाना है उसके बाद आप अपनी नॉर्मल डाइट पर आ सकते हैं। इस प्रक्रिया के बाद तला भुना बिल्कुल भी नहीं खाना है। और यदि कोई व्यक्ति अपना नशा जैसे गुटका शराब या किसी भी प्रकार का नशा छोड़ना चाहता है तो इस प्रक्रिया द्वारा मेंटली स्ट्रांग होकर अपनी नशे की आदत को आसानी से छोड़ सकते हैं।

क्योंकि पेट के अंदर जो टॉक्सिंस जमा है जिसके कारण नशे की लत लगती है व किसी भी टाइप की क्रेविंग आती है कि हमें सिगरेट पीनी चाहिए गुटखा खाना चाहिए या कोई भी अन्य नशे वाला पदार्थ लेना चाहिए तो इस प्रक्रिया को करने से यह सभी क्रेविंग दूर होती है।

जब भी यह आसन करें तो किसी योगा एक्सपर्ट के अंदर ही करें क्योंकि किसी एक्सपर्ट के अंदर यदि आप यह आसन करेंगे तो अच्छे से होंगे और उसका फायदा भी काफी ज्यादा मिलेगा। क्योंकि आसन को ठीक तरीके से करना बहुत ज्यादा जरूरी है।

Disclaimer – इस आर्टिकल में Karnal Plus द्वारा आपको बताया हैं कि कैसे आप 6 आसन के द्वारा पेट में आंतों में जमा गंदगी  को ठीक कर सकते है। आपको कुछ भी करने से पहले कोई भी आर्टिकल से सुझाव लेने से पहले अपने कॉमन सेंस का इस्तेमाल जरूर करना है। और बिमारी बढ़ने पर डाक्टर से सलाह जरूर लें।

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Dr. Mayank Porwal

Naturopath, Holistic Therapist

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