जैसा कि रामदेव जी ने बताया कि हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा पहले सिंगी चिकित्सा और रक्त मोक्षण द्वारा शरीर से गंदा खून बाहर निकाल कर शरीर में होने वाला दर्द, वात कंटक पैरों की एड़ी में दर्द घुटने में दर्द कमर में दर्द व बड़ी से बड़ी बीमारियों को ठीक किया जाता था।
आजकल के समय में अधिकतर सभी लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त है। यदि हम थोड़ा सा ध्यान अपने शरीर का रखें तो हम इन बीमारियों को दूर कर सकते हैं। बीमारी आने से पहले हमारा शरीर हमे कई संकेत देता है परंतु हम उन्हें समय पर पहचान नहीं पाते हैं। अगर पहचान लेते हैं तो कई बार नजरअंदाज भी कर देते हैं। जिससे हमारी बीमारी बढ़ जाती है। और बीमारी बढ़ने के बाद हम सीधा डॉक्टर के पास जाते हैं और डॉक्टर हमें एलोपैथिक दवाइयों पर निर्भर कर देता है परंतु हमारे देश में प्राचीन समय में आयुर्वेद की बड़ी ही मान्यता रही है।
लेकिन अब हम अपने प्राचीन सभ्यता को भूलते हुए जा रहे हैं और अंग्रेजी दवाइयों के सेवन पर ज्यादा निर्भर हो चुके हैं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि एलोपैथिक दवाइयां कारगर नहीं है परंतु हमारे देश की सभ्यता यही रही है कि हमारे देश में ऋषि-मुनियों द्वारा बहुत सी बीमारियों का इलाज संभव था जो कि आज इतना विज्ञान विकसित होने के बाद भी उन बीमारियों का इलाज उपलब्ध नहीं है हमारे आज के विज्ञान में वात, पित्त व कफ का कोई भी लॉजिक नहीं है परंतु आयुर्वेद में बड़ी से बड़ी बीमारियों का बहुत छोटे से छोटा इलाज था।
आज हम आपको बताएंगे कि सिंगी चिकित्सा और रक्त मोक्षण द्वारा शरीर से गंदा खून बाहर निकाल कर शरीर में होने वाला दर्द, वात कंटक, पैरों की एड़ी में दर्द, घुटने में दर्द, कमर में दर्द व बड़ी से बड़ी बीमारियों को इस प्रक्रिया से कैसे ठीक किया जाता है।
सिंगी चिकित्सा और रक्त मोक्षण क्या है और कहां काम आती है
प्राचीन समय में ऋषियों ने सिंगी चिकित्सा और इसे महर्षि सारस्वत ने रक्त मोक्षण चिकित्सा का नाम दिया है। जोकि खराब खून शरीर से बाहर निकालना भी कहा जाता है। प्राचीन समय में हमारे आयुर्वेद में यह चिकित्सा चलती थी आज के समय में सभी लोग एलोपैथिक दवाइयों पर निर्भर हो चुके हैं। और हमारी प्राचीन चिकित्सा लुप्त होती जा रही है।
इस चिकित्सा का उपयोग अर्थराइटिस ,अर्थराइटिस रोमटिक हाइड्रेटिंग, रोमटिक सोराइटिस, वात की बीमारी, वह एडी का दर्द, पैरों में, घुटने में, कमर में, गर्दन के पास इन सब में यह सिंगी चिकित्सा बहुत ही लाभदायक है।
सिंगी के बहुत से फायदे हैं जो काम अंग्रेजी दवाइयां वह बहुत महंगे महंगे एस्टेरॉइड नहीं कर सकता। जब आप स्ट्राइड का सेवन करेंगे तो आपके शरीर पर कुछ समय के लिए तो लगेगा कि सब कुछ नॉर्मल होता जा रहा है परंतु जब आप उसका सेवन बंद कर देंगे तो समस्या और भी विकार रूप लेकर सामने आएगी।
दवाई खाने से हमारे शरीर में बहुत परेशानियां होती है हड्डी गलने लगती हैं, हड्डी बढ़ जाती है या हृदय की प्रॉब्लम हो जाती है और किडनी में प्रॉब्लम होती है और भी अन्य प्रॉब्लम होती है।
सिंगी चिकित्सा व रक्त मोक्षण के उपयोग की विधि
आपको इन बातों को अच्छे से समझना होगा जैसे-जैसे हम बता रहे हैं। इन तरीकों से आपको इसकी उपयोग की पूरी विधि पता चल जाएगी।
- सिंगी का मतलब होता है गाय, बैल या फिर बकरे का सिंग, इन सभी सिंग को बहुत अच्छे से अंदर से साफ कर लिया जाता है और फिर इसे इलाज के लिए लेते हैं और इसका इलाज उस जगह पर किया जाता है जहां पर दर्द होता है।
- पहले सुखा सिंग लगाते हैं जहां पर भी समस्या है।
- उसके बाद उस सिंग को ऊपर की तरफ सांस लेकर खींचते हैं ऐसा करने से उस जगह की त्वचा उभर कर थोड़ी ऊपर को आ जाती है और सिंग वहीं पर चिपका रहता है।
- उसके बाद जब त्वचा ऊपर को आ जाए तो सिंग को हटा देते हैं फिर उस पर टंच मारते हैं या हल्का हल्का भेदते हैं।
- फिर दोबारा उस सिंह को उस जगह पर लगाया जाता है ताकि गंदा खून, पानी और झाग निकल जाए।
- फिर उसमें से आपका गंदा खून पानी और झाग निकल जाता है।
- यह निकलने के बाद आपकी समस्या दूर होने लगती है।
- उसके बाद उस पर एंटीसेप्टिक लोशन लगा देते हैं और फिर हल्दी का लेप कर देते हैं और देखते ही देखते 10 मिनट में आप का दर्द कहां गायब हो जाता है आपको पता ही नहीं चलता।
Disclaimer – यह जो उपयोग और यह चिकित्सा बताई है यह स्वामी रामदेव बाबा द्वारा बताई गई है आप इसे घर पर बिल्कुल भी करने की कोशिश मत करें क्योंकि यह काफी जिसकी प्रक्रिया है यह सिर्फ वही कर सकता है जिसे इस प्रक्रिया को करना आता है अगर आप यह चिकित्सा करवाना चाहते हैं तो आप हमारे करनाल प्लस के व्हाट्सएप पर कांटेक्ट कर सकते हैं और इंफॉर्मेशन ले सकते हैं।