एसिडिटी, कॉन्स्टिपेशन से सख्त पेट देखते ही देखते होगा नरम

Dr. Varun Duggal द्वारा बताया गया एक ऐसा तरीका जिससे कॉन्स्टिपेशन, एसिडिटी आदि समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।

आजकल पेट खराब होना तो बहुत आम बात है। सभी को अधिकतर कुछ ना कुछ पेट की प्रॉब्लम रहती है। इसके कई रीजन होते हैं। जैसे आज-कल का खाना । अगर देखा जाए तो हमारे खाने में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है और कैल्शियम, प्रोटीन भी बहुत कम होता है। जिसके कारण हमारे पेट में कुछ ना कुछ प्रॉब्लम रहती है जिससे कॉन्स्टिपेशन, गैस, एसिडिटी की प्रॉब्लम को फेस करना पड़ता है।

तो आइए दोस्तों आज हम जानते हैं पेट की कई बीमारियों से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है। उसके लिए आपको हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ना और समझना होगा और इस प्रोसेस को फॉलो करना होगा।

सबसे पहले पेशेंट के पेट पर हाथ लगाकर पेट को हल्का हल्का दबाना है और चेक करना है कि पेशेंट के पेट में Palpitation की प्रॉब्लम तो नहीं है। यदि कोई Palpitation का केस होगा तो उसमें Aneurysm होगा। Aneurysm होता क्या है? Aneurysm basically Aortic Aneurysm या Visceral Aneurysm हो सकती है।

Visceral Aneurysm के अंदर क्लोटिंग होती है। अर्थात पानी का गुब्बारा और ब्लड का गुब्बारा होता है। यदि मरीज का यह पार्ट छेड़ेंगे तो यह फट सकता है। इसलिए पहले पेशेंट के पेट को प्रॉपर तरीके से चेक करते हैं। चारों तरफ से लिवर, किडनी, इन्टेस्टिन को चेक करने के बाद यदि आपको Aneurysm की प्रॉब्लम लग रही है तो हम यह टेक्निक मरीज के ऊपर अप्लाई नहीं करेंगे।

PSIS joint और नाभि के पॉइंट के बीच में अपेंडिक्स होती है जहां पर हम हाथ डाल के अंदर की wall को रिलीज करते हैं। जो गैस और कॉन्स्टिपेशन की प्रॉब्लम के लिए किया जाती है। और यह तरीका यूरोपियन कंट्री में बहुत ज्यादा यूज़ की जाता है। वहां पर बहुत सालों से यह टेक्निक यूज हो रही है। और यह काफी इफेक्टिव टेक्निक है। यदि मरीज को जलन, गैस, एसिडिटी या बहुत ज्यादा डकार आती हो ऐसी कोई भी प्रॉब्लम हो इस प्रकार की सभी प्रॉब्लम हम इससे दूर कर सकते हैं।

कॉन्स्टिपेशन की प्रॉब्लम कैसे दूर करें

हम पेट के ऊपर अपने दोनों हाथों को रखकर Faecal matter को धीरे-धीरे ऊपर की ओर पुश करेंगे। तो नेचर के अकॉर्डिंग यह नीचे की ओर पुश करेगी। इस तरह से हम पेशेंट की कॉन्स्टिपेशन की प्रॉब्लम को बिल्कुल खत्म कर सकते हैं।

पेट के राइट साइड में ऊपर की ओर डायाफ्राम होता ह, डायाफ्राम के बिल्कुल नीचे लीवर होता है। यदि हमारे लीवर के अंदर जॉन्डिस या हेपेटाइटिस बी की प्रॉब्लम है या फैटी लीवर है तो इस तरह की सभी प्रॉब्लम को लिवर लिफ्ट टेक्निक की हेल्प से हम इन सभी बीमारियों को ठीक कर सकते हैं। हमारा लीवर दिन में लगभग तीन लाख टॉक्सिंस प्रोड्यूस करता है। तो मरीज को उससे एसिडिटी बननी बहुत ही स्वाभाविक है।

कई बार लीवर अपनी जगह से थोड़ा सा नीचे आ जाता है जिससे पेट में स्वेलिंग आ जाती है और लेफ्ट साइड में स्टमक होती है जो कई बार अपनी जगह से थोड़ा नीचे आ जाती है। डायफ़्राम के नीचे स्टमक वाला एरिया होता है उसके नीचे इनसिस्टाइन , किडनी हमें दोनों तरफ मिलेंगे सभी ऑर्गन्स हमें मिलेंगे।

लीवर लिफ्ट टेक्निक की मदद से एसिडिटी की प्रॉब्लम कैसे ठीक करें

सबसे पहले पेशेंट को सीधा लेटा लेंगे उसके बाद उनकी नाभि चेक करेंगे नाभि सेट होनी जरूरी है। कहीं पेशेंट की नाभि में ही प्रॉब्लम होती है कहीं पेशेंट की नाभ उतरी रहती है। हमारी नाभि कभी भी राइट साइड में नहीं जाती है। और यदि नाभि ऊपर की ओर जाती है तो मरीज को एसिडिटी की प्रॉब्लम होती है और यदि लेफ्ट साइड की ओर जाएगी तो मरीज को कॉन्स्टिपेशन की प्रॉब्लम है और यदि नीचे की और जाती है तो मरीज को लूज मोशन की प्रॉब्लम हो जाती है।

नाभि को ठीक करने के लिए पेशेंट के पेट के बीच वाले पोर्शन को अपने दोनों हाथों से पकड़ लेना है उसके बाद ऊपर नीचे हल्का हल्का सा हाथ की हेल्प से मूवमेंट पेट को कराना है। इससे पेशेंट को डकार आ जाएगी और रिलैक्स मिलेगा।

लिवर लिफ्ट टेक्निक

सबसे पहले पेशेंट को दोनों पैर लटका कर बैठा देंगे। उसके बाद पैरों के नीचे तकिया लगा देंगे। उसके बाद पेशेंट के पीछे जाकर दोनों हाथों से लीवर को अंदर तक होल्ड कर लेना है उसके बाद लीवर को लिफ्ट कीजिए। पेशेंट को महसूस होगा कि उनका लिवर लिफ्ट हो रहा है। इसके बाद वह बहुत जल्द ही आराम महसूस करेंगे।

Disclaimer – इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि कैसे आप देखते ही देखते सख्त पेट को नरम कर लेंगे लेकिन जो प्रोसेस हमने आपको यहां पर बताया है वह स्वयं घर पर ना करें और डॉक्टर की सलाह जरूर ले।

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Dr. Varun Duggal

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