बीमारियों का सबसे बड़ा कारण – रसोई में सफेद नमक और ये राशन के डब्बे

Dr. Sonum के द्वारा बताया गया एक ऐसा तरीका जिसकी मदद से आप सफेद नमक, चीनी आदि को किचन में बंद करके आप बहुत सी बीमारियों को दूर कर सकते हैं।

अधिकतर सभी लोग खाने-पीने के शौकीन होते हैं। जिसके चलते किसी भी मौसम में रोटी, पराठे या तली- भुनी चीजें और हलवा जैसी मिठाई बना कर घर पर बहुत ज्यादा खाते हैं। जिसके लिए घर में राशन लगता है। अधिकतर सभी लोग राशन का सामान स्टॉक में लाते हैं। जिससे बार-बार मार्केट नहीं जाना पड़ता और थोड़ा सस्ता भी पड़ जाता है।

आटा मैदा चीनी तेल नमक आदि चीजें बिल्कुल कॉमन होती हैं। जो सभी अपनी किचन में यूज करते हैं। लेकिन क्या आप यह सभी चीजें ठीक यूज कर रहे हैं? क्या यह चीजें बिल्कुल प्योर है? क्या इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता ? आज हम इस आर्टिकल में इन चीजों से शरीर में होने वाली बीमारियों के बारे में चर्चा करेंगे और कैसे हम इन बीमारियों से दूर रह सकते हैं इस बारे में भी चर्चा करेंगे।

आखिर कैसे आप कुछ चीजों को राशन से यदि हटा दें तो बीमारियों से दूर रह सकते हैं आइए जानते हैं :

ऐसे पांच राशन जिसकी वजह से घर में बीमारियां पैदा होती हैं।

गेहूं के आटे का प्रयोग

सभी लोग खाना तो खाते ही हैं। जिसमें रोटी और पराठे अधिकतर सभी लोगो को पसंद होते हैं। जो गेहूं के आटे से बनते हैं। गेहूं का आटा पहले सब घर पर पिसते थे। या घर के गेहूं होते थे उनको दुकानों पर पिसवाते थे तो शुद्ध और अच्छा आटा आता था। परंतु अब मार्किट से पीसा हुआ गेहूं का आटा आता है जो मॉडिफाइड आटा होता है। जो बहुत बारीक पिसा हुआ होता है जैसे मैदा। मैदे से भी बहुत सी चीजें बनती हैं गेहूं का आटा और मैदा दोनों से ही डायबिटीज बनती है।

यदि किसी को डायबिटीज की प्रॉब्लम होती है तो उन्हें गेहूं का आटा नहीं खाना चाहिए। गेहूं के आटे में और मैदे में फाइबर बहुत कम होता है। जिससे कब्ज की प्रॉब्लम भी बन जाती है। काफी लोगों को आटे से ग्लूटेन एलर्जी होती है। इसमें खास तरह का प्रोटीन पाया जाता हैं। जिसके कारण जोड़ों में , कमर में और घुटनों में दर्द रहता है। घुटनों में दर्द होने का सबसे बड़ा कारण गेहूं का आटा माना जाता है।

क्योंकि गेहूं के आटे में आजकल बहुत ज्यादा केमिकल का प्रयोग किया जाता है। गेहूं के आटे और मैदे में फाइबर नहीं होता है जिसके कारण यह गोंद की तरह चिपक जाता है। जिसके कारण कब्ज की प्रॉब्लम, गैस की प्रॉब्लम और पेट में दर्द पैदा करता है। और धीरे-धीरे लीवर को डैमेज कर देता है।

गेहूं के आटे और मैदे की जगह चने का आटा, ज्वार के आटे को मिक्स करके मल्टीग्रेन आटा प्रयोग में करना चाहिए। यह बहुत हेल्दी भी होता हैं। और यदि आपको गेहूं का आटा खाना है तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपको गेहूं को महीन पीसवाना चाहिए और अगर मार्केट के गेहूं का आटा खाते हैं तो उसमे मैदा मिक्स ना हो इस बात का खास ध्यान रखें।

रिफाइंड का प्रयोग

आजकल आम बात है कि जब भी कुछ अच्छा खाने का मन करता है। उसके लिए रिफाइंड का यूज किया जाता है जैसे पराठे बनाने में, पूरी तलने में आदि। हमारी बॉडी में रिफाइंड ऑयल सबसे बड़ा जहर का काम करता है। खाने में सरसों का तेल या देसी घी का प्रयोग करना चाहिए। रिफाइंड को अवॉइड करना चाहिए। अब तो साइंस भी यह बात मानती है कि देसी घी हमारे शरीर के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि सरसों का तेल जरूरी है।

रिफाइंड को बनाने के लिए ऐसे केमिकल का यूज किया जाता है। जिससे यह अट्रैक्टिव दिखे और इसके अंदर से बदबू ना आए। जो एक वक्त हमारे जानवर खाते थे वही चीजें पीसकर अब हम रिफाइंड ऑयल में प्रयोग करते हैं। जिस से घुटनों में दर्द, कमर में दर्द, ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमें रिफाइंड को अपने खाने में बिल्कुल यूज़ नहीं करना चाहिए।

सफेद नमक का प्रयोग

नॉर्मली सभी की किचन में नमक तो यूज़ होता ही है। जो अधिकतर सफेद नमक पाया जाता है। यह सफेद नमक हमारी हेल्थ को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। यह रिफाइंड सॉल्ट होता है और इसमें आयोडाइन भी होता है। रिफाइंड सॉल्ट होने से इसमें जो सोडियम का कंटेंट 97% है। खाने में सिर्फ सेंधा नमक और काला नमक मिक्स करके यूज़ करना चाहिए। इसमें सोडियम का कंटेंट ज्यादा नहीं होता है।

सोडियम कम होने से बीपी की प्रॉब्लम नहीं होती है और पैरालाइसिस और हार्ट अटैक जैसी प्रॉब्लम दूर करता है। हर चीज को एक लिमिट में यूज करना चाहिए 1 दिन में 5 ग्राम नमक एक व्यक्ति को खाना चाहिए। परंतु हमें सफेद नमक को बिल्कुल अवॉइड करना चाहिए उससे हमारे शरीर में बहुत बीमारियां पैदा होती हैं।

लाल मिर्च का प्रयोग

यदि किसी को चटपटा खाना पसंद है तो उनके घर में जरूर ही लाल मिर्च तो मिलेगी ही। अधिकतर सभी के घरों में लाल मिर्च तो नॉर्मल ही यूज होती ही है। परंतु हमें लाल मिर्च का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि आप लाल मिर्च नहीं खाएंगे तो आपको एसिडिटी और गैस की प्रॉब्लम नहीं होगी। कई बार लाल मिर्च से पेट में अल्सर हो जाते हैं। और लाल मिर्च ज्यादा खाने से प्रेगनेंट लेडी को टाइम से पहले प्रसव होना शुरू हो जाता है। इसलिए लाल मिर्च को अवॉइड करना चाहिए।

सफेद चीनी का प्रयोग

हमारे शरीर को सफेद चीनी बहुत ज्यादा नुकसान देती है। यदि हम आधी चम्मच चीनी का प्रयोग अपने भोजन में करते हैं तो वह हमारे मील का आधे के बराबर होता है। चीनी हमें बिल्कुल प्रयोग में नहीं लानी चाहिए। चीनी हमारे शरीर को बहुत बीमारियां देती है जैसे शुगर, फैटी लीवर, हार्ट अटैक , कैंसर टेंशन की प्रॉब्लम आती है। चीनी में कोई भी पोषक तत्व नहीं है। जो 8 से 10 घंटे मेहनत मजदूरी करते हैं चीनी उन्हीं के लिए ठीक है।

अब वही व्यक्ति चीनी को हजम कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो उनको शक्कर, गुड़, चीनी या गन्ने से कोई भी बनी हुई वस्तु का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उससे डायबिटीज की प्रॉब्लम बढ़ती है। इसलिए चीनी को हमें बिल्कुल अवॉइड करना चाहिए। इस आर्टिकल में Karnal Plus द्वारा आपको बताया हैं कि कैसे आप पांच चीजों को अपनी किचन में अवॉइड करके बहुत सी बीमारियों से दूर रह सकते हैं। आपको हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ना होगा।

Disclaimer: कोई भी सुझाव, उपाय, दवाई या इलाज से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और अपने विवेक से काम ले।

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Dr Sonum Garg Sachdeva

M.B.B.S. Lady Hardinge College Delhi, M.D. Safdarjung Hospital Delhi, Infertility Expert and Gynaecologist, Trained at Gangaram Hospital Delhi, Trained at Crest Singapore, Dr. Sonum Fertility Centre, Karnal, Haryana

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