हर इंसान बेदाग चेहरा और रंगत चाहता है, खासकर युवा और महिलायें। लेकिन कई विभिन्न कारणों से चेहरे पर कील, मुहाँसे, पिम्पल हो जाते हैं जो चेहरे का आकर्षण कम करते हैं साथ ही साथ इस वजह से आत्मविश्वास मे भी कमी आती है। हमारी कुछ गलतियों की वजह से कई बार ये कील मुहाँसे चेहरे पर हमेशा के लिए दाग और धब्बे भी छोड़ जाते हैं।
इसलिये आज करनालप्लस के इस आर्टिकल में Dr. Mukul Saldi से जानेंगे की कील मुहाँसे या पिम्पल क्यों होते हैं, इसका कारण क्या है साथ ही साथ जानेंगे इसका इलाज।
कील मुहाँसे होने के क्या कारण हैं
कील, मुहाँसे या पिम्पल होने का 80% कारण हार्मोनल असंतुलन होता है। हमारे शरीर मे बनने वाला इंसुलिन हार्मोन ही इस असंतुलन की वजह होता है।
हमारे चेहरे की ग्रंथियों(sebaceous glands) से तेल जैसा एक तरह का चिकना पदार्थ निकलता है। ये पदार्थ हमारी स्किन को बचाता है और इसे पोषण भी देता है। लेकिन जब शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है तो ये ग्रंथियां फूलने लगती हैं और बड़ी होने लगती हैं और इससे निकलने वाला चिकना पदार्थ भी बढ़ जाता है।
इसके साथ ही डेड स्किन भी बनने लगती है और चेहरे से निकलने वाले पदार्थ को रोक देती है। जिस वजह से बैक्टीरिया बनने लग जाते हैं और इससे चेहरे पर कील मुहाँसे हो जाते हैं। कई बार ये मुहाँसे बहुत दर्द देते हैं या पस्स से भर जाते हैं।
पिम्पल और मुँहासों को ठीक करने के लिए ये गलतियाँ कभी ना करें
फेस वॉश और स्क्रब– इनका प्रयोग करने से त्वचा की ऊपरी परत तो उतर जाती है लेकिन साथ ही साथ त्वचा पे मौजूद अच्छे बैक्टीरिया भी हट जाते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया ज्यादा बढ़ने लगते हैं। इससे कील मुहाँसे फिर से होने लगते हैं।
एंटीबायोटिक– एंटीबायोटिक मुहाँसों का एक अस्थायी इलाज है। इससे पिम्पल स्थायी रूप से नहीं ठीक होते। ये दवाएँ बार बार और लंबे समय तक खाने से शरीर के अन्य अंगों पर दुष्प्रभाव पड़ता है और ये एंटीबायोटिक अच्छे और बुरे बैक्टीरिया में फर्क नहीं कर पाते और दोनों को खत्म कर देते हैं। इस वजह से काफी अन्य परेशानियाँ भी हो सकती हैं।
कील मुहाँसे फोड़ना– कई लोग इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए मुहाँसों को फोड़ देते जिससे चेहरे पर हमेशा के लिए दाग और धब्बे बन जाते हैं। इसलिये गलती से भी काभी इनको फोड़ना नहीं चाहिए।
कील मुहाँसों को ठीक करने के लिए क्या करें
मीठी चीजें नहीं खानी चाहिए– हमने जाना की ज्यादातर कील मुहाँसों का कारण इंसुलिन हार्मोन का ज्यादा बढ़ना या बनना होता है। ये हार्मोन ज्यादातर मीठी चीजों को खाने से बढ़ती है। जिन चीजों में कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोस होता है। इसलिये ये समस्या होने पर मीठी चीजें चाहे वो चीनी, गुड़, शहद हो नहीं खाना चाहिए। क्योंकि हानिकारक बैक्टीरिया भी ग्लूकोस पर ही पलते और बढ़ते हैं।
अनाज कम से कम खाएँ – आटा, मैदा, चावल या कोई और अनाज कम से कम खाना चाहिए या बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। क्योंकि अनाज से शरीर में इंसुलिन हार्मोन बढ़ता है और इससे कील मुहाँसे भी बढ़ेंगे।
अंडा खाने से नहीं होते कील मुहाँसे – कील मुहाँसे होने पर कई बार ये कहा जाता है कि अंडा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे गर्मी बढ़ती है जिससे कील मुहाँसे होते है लेकिन ये बस एक गलतफहमी है। क्योंकि अंडे में कार्बोहाइड्रेट नहीं होता। इसलिये जो लोग अंडा खाते हैं वो रोजाना 3 अंडे जरूर खाएँ क्योंकि इससे प्रोटीन, विटामिन ए और गुड फैट मिलता है। एक टाइम के खाने की जगह 3 अंडे खाने से इंसुलिन भी कंट्रोल में रहता है।
Disclaimer– Karnalplus के आर्टिकल में Naturopath Leena Srigyan ने किडनी खराब होने के लक्षण, कारण और किडनी को स्वस्थ रखने के तरीके बताए हैं। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट, थेरेपी या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और अपनी समझ से काम ले।
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