लकवा- शरीर के इन 5 संकेतों को जानकर बचें पैरालिसिस से और बचाएँ जान paralysis

आज के समय में, जिस तरह से हमारी जीवन शैली और और खान पान में बदलाव आए हैं उस वजह स्वस्थ सम्बन्धी समस्याएँ भी बहुत आम हो चुकी हैं। हमारी चिकित्सा पद्धति में प्रगति के साथ ही बीमारियाँ भी बढ़ गई हैं। बीते कुछ समय में काफी लोगों पैरालीसिस की बिमारी से ग्रसित हो रहे हैं। इसे हिंदी में लकवा या पक्षाघात के नाम से भी जाना जाता है।

लकवा या पैरालिसिस को ठीक किया जा सकता है यदि सही समय पर इलाज मिले तो। लेकिन हमारे देश में 90 प्रतिशत लोगों को इस बिमारी का सही इलाज नहीं मिल पाता। इसलिये आज करनालप्लस के इस आर्टिकल में Dr. Ashwini Kumar से समझेंगे लकवा मरने के कारणों के बारे में और जानेंगे कि कैसे हमारा शरीर पैरालीसिस आने से पहले ये 5 संकेत देता है जिनको समझकर और समय रहते इलाज कर के इसका इलाज संभव है।

लकवा क्या है और लकवा क्यों आता है

इंसानी दिमाग एक बहुत जटिल संरचना है जिसमे पतली पतली खून की नसें होती हैं। इस नसों के द्वारा दिमाग में खून पहुंचता है। दिमाग के दो हिस्से होते हैं और सामान्य रूप से विभाजित होते हैं। दिमाग का सीधा हिस्सा शरीर के उलटे तरफ के हिस्से को और दिमाग का उलटे तरफ का हिस्सा शरीर के सीधे हिस्से को कंट्रोल करता है।

दिमाग से होते हुए ये नसें रीड़ की हड्डी के द्वारा पूरे शरीर में जाती हैं। यदि किसी इंसान की दिमाग की इन खून की नसों में कोई कचरा फँस जाए या खून का थक्का जम जाए तो इससे नसें ब्लॉक हो जाती हैं। जिस वजह से दिमाग का वो हिस्सा सुन्न पड़ जाता है और टाइम रहते इलाज ना मिलने पर मृत्यु भी हो सकती है।

लकवा मारने के 5 लक्षण या संकेत

  1. चेहरे पर टेढ़ापन आना- एक आँख ढंग से बंद ना हो पाना या चेहरा एक तरफ ज्यादा खिंच जाना।
  2. जुबान का तुतलाना- एक आम इंसान जब जीभ बाहर निकलता है तो उसकी जीभ सीधी आती है लेकिन अगर लकवा का असर होगा तो जुबान टेढ़ी बाहर आएगी।
  3. आँखों का धुंधलापन- किसी भी चीज का धुंधला दिखना या साफ न दिखना।
  4. शरीर के एक साइड मे कमजोरी आना- ऐसा होने पर इंसान की हाथों की पकड़ कमजोर हो जाती है और वो कुछ भी सही के पकड़ नहीं पाता। पैरों में कमजोरी होने पर चप्पल पहनने में दिक्कत होती है या चलने में दिक्कत होगी।
  5. बेहोशी आना या सुस्ती होना- ऐसी स्तिथि में इंसान गहरी नींद मे सो सकता है या बात करने पर बातों का जवाब नहीं देता।

किसी भी इंसान में ऐसे लक्षण या संकेत दिखने पर दिमाग का सिटी स्कैन या MRI कराना चाहिए। लकवा या पैरालीसिस होने की स्तिथि में यदि मरीज को 4.30 घंटे के अंदर इलाज मिल जाता है तो ये ब्लड क्लाट या खून का जमा हुआ थक्का वापस खोला जा सकता है। इससे लकवा ठीक हो जाता है और मरीज पहले जैसा स्वस्थ हो जाता है।

पैरालिसिस किन कारणों से होता है

ब्लड प्रेशर– जिन लोगों का बीपी या ब्लड प्रेशर हमेशा बढ़ा रहता है या जो टाइम से इसकी दवा नहीं लेते उनमे पैरालीसिस का खतरा 5 गुना ज्यादा होता है।

डायबिटिस– डायबिटिस की वजह से नसें कमजोर हो जाती हैं और उनमें कोलेस्टेरॉल जमना शुरू हो जाता है जिस वजह से नसें ब्लॉक जो जाती हैं। इस वजह से हार्ट अटैक और लकवा आने का खतरा बढ़ जाता है।

लाइफस्टाइल– हमेशा बैठे या लेते रहना और कोई व्यायाम न करना भी लकवा आने का कारण बन सकता है।

स्मोकिंग– धूम्रपान या स्मोक करने से नसों के अंदर कचरा जमना शुरू हो जाता है और इस वजह से लकवा आ सकता है।

तो अगर किसी को भी ये 5 संकेत दिखे तो वो तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाएँ ताकि 4.30 घंटे के अंदर इलाज मिल सके।

Disclaimer– Karnalplus के इस आर्टिकल में Dr. Ashwini Kumar ने पैरालीसिस के लक्षण, कारण और इलाज के बारे बताया है। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट, थेरेपी या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और अपनी समझ से काम ले।

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Dr. Ashwani Kumar

Neurosurgeon, Brain and Spine Specialist, Virk Hospital, Karnal, Haryana

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