पीसीओडी और हार्मोनल असंतुलन की समस्या होगी दूर इन 5 योगासन से

पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जिसका मुख्य कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन है। हार्मोनल असंतुलन के साथ बढ़ा हुआ वजन भी इस बीमारी का रिस्क बढ़ा देता है । आज करनालप्लस के इस आर्टिकल में जानेंगे कि क्या है और योग के द्वारा कैसे इसमे सुधार किया जा सकता है।

पीसीओडी क्या है

PCOD का पूरा नाम ‘पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम’ होता है। यह महिलाओं में एक ऐसी स्थिति है जिसमें उनके अंडाशय में उत्पत्ति होने वाली अंडों में बदलाव होते हैं जिससे वे सामान्य से अधिक हो जाते हैं और अनेक स्थानों पर समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

पीसीओडी में महिलाओं के अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिनमें हॉर्मोन असंतुलन होता है। इससे शारीर के अन्य हिस्सों को भी इसका असर पड़ता है, जिससे इससे संबंधित अनेक समस्याएं हो सकती हैं।

पीसीओडी और हार्मोनल असंतुलन का इलाज योग के द्वारा

योग एक ऐसा उपाय है जो पीसीओडी और हार्मोनल असंतुलन के इलाज में मदद कर सकता है। यह सबसे सुरक्षित और सहज तरीका है जो महिलाओं को अपनी सेहत को सुधारने में मदद कर सकता है।

इस आर्टिकल में, हम कुछ योगासन जैसे कैट पोज , कोब्रा पोज या भुजंगासन , धनुरासन , उष्ट्रासन और तितली आसन के बारे में बात करेंगे जो पीसीओडी और हार्मोनल असंतुलन के इलाज में मदद कर सकते हैं।

कैट पोज या मर्जरी आसान

अपने हाथों और घुटनों को फ्लोर पर रखें। आपके हाथ सीधे आपके कंधों के नीचे होने चाहिए। अब अपनी साँस बाहर निकालना है जबकि आप अपने पीठ को ऊपर करते हुए अपने सिर को नीचे करें।ध्यान रखें कि आपकी श्वास धीमी और संयमित हो जाए। आप अपनी साँस को चलती तरह धीरे-धीरे बाहर निकाल सकते हैं और अपनी साँस को धीमी तरह से अंत में अंदर ले सकते हैं।अब आप अपनी साँस को अंदर लेते हुए अपने पीठ को नीचे करते हुए अपने सिर को ऊपर करें।

कोब्रा पोज या भुजंगासन

यह पोज शरीर में संतुलन बनाए रखता है और पीसीओडी के लक्षणों को कम करता है। इसे करने के लिए आपको अपने पेट पर लेटना होगा। फिर आपको अपने हाथों को अपने सीधे बाएं पैर के पास रखना होगा। फिर आपको धीरे-धीरे अपने ऊपर के भाग को उठाना होगा। इसे धीरे-धीरे करने से आपके पीठ में संतुलन बना रहता है।

धनुरासन

यह पोज हृदय और पेट के रोगों के इलाज में मदद करता है। इसे करने के लिए आपको पेट पर लेटना होगा। फिर आपको अपने पैरों को अपने हाथों से पकड़ना होगा। फिर आपको अपने ऊपर के भाग को उठाना होगा । इसे करने से आपके पेट में दर्द कम होता है और आपके हृदय में नयी ऊर्जा का आवेश होता है और इससे थाइरॉइड से लड़ने मे भी मदद मिलती है।

उष्ट्रासन

यह पोज शरीर के हर पार्ट को फायदा पहुँचाता है। इसे करने के लिए आपको अपने घुटने पर बैठना होगा। फिर आपको अपने घुटनों को जमीन से थोड़ा दूर रखना होगा। फिर आपको अपने हाथों को पीठ के पीछे रखना होगा और धीरे-धीरे अपने सीधे बाएं हाथ को अपने बाएं पैर के पीछे रखना होगा। फिर आपको अपने दाहिने हाथ को अपने दाएं पैर के पीछे रखना होगा। इसे करने से आपके शरीर में संतुलन बना रहता है और पीसीओडी के लक्षणों को कम करता है।

तितली आसन

यह पोज शरीर की जोड़ों के दर्द को कम करता है । इसे करने के लिए आपको अपनी पीठ को जमीन पर लेटना होगा। फिर आपको अपने पैरों को जमीन से जोड़ना होगा और अपने हाथों को आपके सिर के पीछे रखना होगा। फिर आपको अपने पैरों को थोड़ा सा तेजी से ऊपर-नीचे करना होगा जैसे की तितली उड़ती है। इसे करते समय ध्यान रखें कि आप शांत और स्थिर रहें।

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