साइटिका का दर्द क्यों होता है ?
साइटिका नस(sciatica nerve) हमारे शरीर की सबसे लंबी नस होती है जो की कमर से होते हुए पैरों तक जाती है। किसी कारणवश झटका लगने से, गिरने से या किसी भारी समान को उठाने के कारण साइटिका नस मे दबाव(compression) आ जाता है और इस दवाब की वजह से होने वाले दर्द को ही साइटिका का दर्द कहते हैं।
शुरुआत मे ये दर्द कमर तक रहता है। जैसे जैसे ये दर्द पुराना होता है तो कमर से हिप्स, हिप्स से पिंडलियों की मांसपेशियों में (calve muscles) मे और पिंडलियों से पैरों तक पपहुँच जाता। बहुत पुराना होने पर ये दर्द पैरों की उंगलियों को भी सुन्न कर सकता है।
साइटिका का इलाज या उपचार कैसे करें ?
Sciatica का दर्द बहुत कष्टदायक हो सकता है और समय के साथ बद से बदतर हो जाता है। इसलिये इसका इलाज भी जरूरी होता है। काफी लोग इसके दर्द से अस्थायी राहत पाने के लिए पेन किलर दवाइयाँ लेते हैं। जिनसे कुछ समय के लिए राहत अवश्य मिल जाती है लेकिन ये इस दर्द का स्थायी इलाज नहीं होता और कुछ समय बाद ही ये दर्द फिर से उठ सकता है।
इसी के साथ लंबे समय तक ऐसी दवाइयाँ लेने के कारण हमारे दिल और अन्य महत्वपूर्ण अंगों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इसलिये आज करनालप्लस पर Naturopath Leena Srigyan से समझेंगे साइटिका के दर्द छुटकारा पाने के कुछ स्थायी इलाज।
मसाज थेरेपी से होगा साइटिका के दर्द का इलाज
मालिश या मसाज साइटिका से छुटकारा पाने के लिए काफी कारगर होती। साथ ही साथ मसाज से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन(blood circulation) और हीमोग्लोबिन(hemoglobin) भी बढ़ता है। मसाज के लिए किसी भी हर्बल तेल का प्रयोग कर सकते हैं। अगर हर्बल तेल ना हो तो घर पर अजवाइन और लहसुन पका कर उसका तेल बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
कमर की मसाज– इसके लिए मुट्ठी से थोड़ा प्रेशर बना कर कमर पर मसाज देनी है। जिससे बंद नसें खुल सकें।
पिंडलियों की मसाज– हाथों के दोनों अंगूठों का इस्तेमाल करते हुए दबाव के साथ दोनों पिंडलियों पर बारी बारी ऊपर से नीचे की ओर मसाज देनी है। रोजाना 5 मिनट पिंडलियों की ऐसे मालिश करने से काफी आराम मिलेगा।
Sciatica के लिए एक्सर्साइज़
पहली एक्सर्साइज़– इस एक्सर्साइज़ मे मरीज को पेट के बल लेटा देते हैं। फिर उसके घुटनों के बीच हाथ रख कर पैरों को नीचे से ऊपर उठाकर उसको प्रेस करते हैं या प्रेशर डालते हैं। फिर पैर नीचे ले जाना और दोबारा से उठा कर प्रेस करना है। इसको 10 बार करना है।
दूसरी एक्सर्साइज़– दूसरी एक्सर्साइज़ मे भी मरीज को उल्टा लेटाना है और घुटनों के बीच मुट्ठी रख कर पैरों को उठाना है और प्रेशर डालना है पैरों पर।
इन एक्सर्साइज़ को दोनों पैरों पर करना है। और इससे साइटिका की नसें खुलती हैं।
मसाज और एक्सर्साइज़ के अलावा आजकल साइटिका के दर्द के दूर करने के लिए vibrators का भी प्रयोग किया जाता है जिससे कंपन या वाइब्रेशन(vibration) के द्वारा साइटिका का इलाज होता है।
4-5 लहसुन कूट कर एक ग्लास दूध में तब तक गरम करें जब तक ये दूध आधा न रह जाए। ऐसे दूध को रोज सोते समय पीने से साइटिका के दर्द मे आराम मिलता है।
Disclaimer – Karnalplus के इस आर्टिकल में Naturopath Leena Srigyan ने साइटिका दर्द का कारण और इस दर्द से निवारण के तरीके बताए हैं। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य जरूर लें।
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