स्कोलियोसिस – झुकी टेढ़ी अकड़ी कमर स्पाइन से छुटकारा पायें इस प्राकृतिक थेरपी से

स्कोलियोसिस या अकड़ी कमर एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति की रीढ़ हड्डी में टेढ़ापन, या कमर अकड़ जाती है। स्कोलियोसिस के कारण रीढ़ की हड्डी एक तरफ मुड़ जाती है। स्कोलियोसिस में रीढ़ की हड्डी किसी भी हिस्से में टेढ़ी हो सकती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह छाती के पास और पीठ के निचले हिस्से के पास की हड्डी में ही टेढ़ापन आता है।

अगर आप बिना तकलीफ के प्राकृतिक तरीकों से स्कोलियोसिस का इलाज चाहते हैं। तो करनाल प्लस लाया है एक ऐसा तरीका जो आपको कमर दर्द से राहत पाने में मदद करेगा। यह तरीके ने तो 60 साल के अंकल की अकड़ी हुई कमर को सीधा कर दिया तो आपकी भी जरूर करेगा।

करनालप्लस के इस आर्टिकल में Naturopath Leena Srigyan से जानेंगे स्कोलियोसिस क्या होता है, इसके लक्षण क्या हैं और साथ ही जानेंगे इसके इलाज के बारे में।

स्कोलियोसिस के लक्षण

  • आपके दोनों कंधों की ऊंचाई समान न होना।
  • कूल्हे की हड्डियां सामान्य स्थान पर ना होना, या एक समान ऊंचाई ना होना।
  • दोनों तरफ से कमर की आकृति एक समान ना होना
  • रीढ़ की हड्डी के ऊपर की त्वचा को देखने में कुछ असामान्य महसूस होना या त्वचा की संरचना अलग दिखाई देना।
  • आगे की तरफ मुड़ने पर कमर की दोनों तरफ एक समान ना होना।
  • कंधे के पीछे दिखाई देने वाली हड्डी उभरा हुआ दिखाई देना।
  • सीधा खड़ा होने पर भी दोनों बाजू छोटी-बड़ी दिखाई देना।

स्कोलियोसिस का कारण

  • बोन डिस्प्लेसिया : इस स्थिति में हड्डियां सामान्य तरीके से विकसित नहीं हो पाती हैं, जो स्कोलियोसिस से संबंधित हो सकती है।
  • कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर : यह असामान्य ऊतकों व लिगामेंट्स से संबंधित समस्या होती है, जैसे मार्फन सिंड्रोम और एहलर्स-डानलोस सिंड्रोम।
  • टांगों में अंतर : यदि एक टांग की लंबाई दूसरी से थोड़ी सी भी ज्यादा है, तो इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी में थोड़ा बहुत टेढ़ापन आ सकता है, लेकिन आमतौर पर इससे कोई गंभीर स्थिति पैदा नहीं होती है।
  • रीड की हड्डी में पुराने एक्सीडेंट के कारण लगी हुई चोट।
  • किसी प्रकार की सर्जरी के कारण

स्कोलियोसिस का इलाज फायर कपिंग से

  1. स्कोलियोसिस फायर कपिंग के द्वारा ठीक करी जा सकती है। यह करने के बाद आपकी कमर पर एक फायर मोक्ष लगाया जाता है जिसकी हीट इतनी ज्यादा होती है कि वह आपकी कमर के स्पाइन तक जाकर हीट प्रोवाइड करता है। यह स्पाइन के एलाइनमेंट को शेप में लाने में मदद करता है। (यह तकनीक आपको किसी स्पेशल क्लीनिक में मिलेगी कृपया करके घर पर ऐसी किसी भी चीज का प्रयोग ना करें) 

Scoliosis के लिए करें ये एक्सर्साइज़

अब आपको घर पर स्वयं करने के लिए आपको कुछ एक्सरसाइज बताई जाएंगी। लेकिन ये एक्सर्साइज़ बुज़ुर्ग लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। जो लोग 40 से 50 की उम्र के होते हैं वह यह एक्सरसाइज कर सकते हैं। 

पहली एक्सर्साइज़ – किसी भी टेबल या कोई चीज का सहारा ले और अपना एक पैर आगे से पीछे की तरफ उठाएं यह सेम चीज दूसरे पैर के साथ भी करें।

दूसरी एक्सर्साइज़ – अपने पैरों को एक स्ट्रेट लाइन में लेकर आए और अपनी नी को बंड करें और गरदन को ऊपर की तरफ धकेल है। यह करने से आपके स्पाइन का पोषचर ठीक हो जाएगा।

तीसरी एक्सर्साइज़ – आपको उल्टा लेट कर अपने शरीर को उठाना है याद रहे कि लोअर बैक कैसे को नीचे ही रखें और आगे का हिस्सा ऊपर उठाए।

चौथी एक्सर्साइज़ – सीधा लेट कर अपने दोनो टांगे मोड़ कर उठाया और अपने हाथों का सपोर्ट दें। याद रहे कि आपको अपनी टांगों को छाती पर लगाने की कोशिश नहीं करनी।

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Naturopath Leena Srigyan

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