सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस क्या है
हमारी रीड की हड्डी का गर्दन वाला हिस्सा वहाँ हड्डियों के बीच मे एक सॉफ्ट डिस्क(soft disc) होती जिनको मनके भी कहते हैं। और उन्ही के बीच से निकलती है बारीक नसें जो हमारे हाथ से टांगों तक जाती हैं। जब भी किसी कारण ये मनके हिल जाते हैं या अपनी जगह से खिसक जाते हैं तो इससे नसों पर दवाब पड़ता है। जिससे पूरी टांग या हाथों मे दर्द होने लगता है। इसी बिमारी को सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस(cervical spondylosis) कहते हैं।
हम सभी को कभी ना कभी कमर या गर्दन मे दर्द जरूर होता जाता है लेकिन हर बार वो सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस(cervical spondylitis) नहीं होता। वो मांसपेशियों का दर्द(muscular pain) भी हो सकता है। आज करनालप्लस के इस आर्टिकल मे आज Dr. Ashwani Kumar से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण, बचाव और एक्सर्साइज़ के बारे मे समझेंगे।
Cervical Spondylitis के कारण
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस एक लाइफस्टाइल से जुड़ी बिमारी है इसके कारण हैं –
- बैठने का गलत तरीका
- सोने का गलत तरीका
- लंबे समय तक मोबाईल का प्रयोग
- लंबे समय तक टीवी, कंप्युटर के सामने बैठना
जब हम लंबे समय तक टीवी, कंप्युटर या मोबाईल का प्रयोग करते हैं तो हमारी मांसपेशियों मे तनाव आ जाता है। और हमारी बारीक नसें जो गर्दन से हाथों की तरफ जाती हैं उनमे दबाव पड़ता है। अक्सर काफी लोग रात मे लेटने के बाद मोबाईल हाथ मे रखते हैं और अगर उन्हे मोबाईल इस्तेमाल मे या दिक्कत आती हो तो दो-दो ताकिये ले लेते हैं। इससे गर्दन का कोण(angle) बिगड़ जाता है गर्दन पे दबाव बढ़ता है। और हाथों को उठाया के रखने से हाथों की नसों पे भी दबाव पड़ता है। जिस वजह से ये समस्या आजकल बहुत आम हो गई है।
सर्वाइकल से कैसे बचें
- अपनी गर्दन की दिशा और दशा(posture) हमेशा ठीक रखें।
- मुलायम और पतला तकिया लें और दो तकिये ना लें।
- कंप्युटर के सामने पढ़ाई करते हों या टीवी देखना दो घंटे से ज्यादा एक ही मुद्रा(position) मे ना बैठें।
- अपने खाने मे कोई ऐसी चीज ना लें जिनसे वायु दोष, वात और पित्त को बढ़ाएँ। क्योंकि इससे मांसपेशियों का दर्द बढ़ जाता है।
Cervical के लिए आइसोमेट्रिक एक्सर्साइज़(isometric exercise) करें
- अपनी गर्दन के पीछे दोनों हाथ रख कर हाथों से आगे की तरफ जोर लगाए और गर्दन से पीछे की तरफ।
- हाथों को माथे पे रखें फिर गर्दन पर पीछे की ओर जोर लगाएँ।
- हाथों को सर के एक साइड रख के जोर लगाए फिर दूसरी साइड रख के जोर लगाएँ।
ये एक्सर्साइज़ दिन मे 2 से 3 बार करें और इनमे से हर एक को 10 बार तक कर सकते हैं। इससे मांसपेशियाँ ठीक होंगी और मानकों की सेटिंग भी ठीक होगी।
कुछ लोगों की ये बिमारी काफी बढ़ जाती और डाइट बदलने से, एक्सर्साइज़ या फिजियोथेरेपी से ठीक नहीं होती, इसका मतलब ये है की गर्दन की नसों पर काफी ज्यादा दबाव है। ऐसे मे x-ray या mri करना पड़ सकता है। कुछ बहुत ही दुर्लभ मामलों मे सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।
Disclaimer- KarnalPlus के इस आर्टिकल मे आज हमने Dr. Ashwani Kumar से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण, बचाव और एक्सर्साइज़ के बारे मे जाना। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और अपने विवेक से काम ले।
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