हमारे शरीर के 5 सेन्स ऑर्गन्स में से एक हैं हमारे कान। जिनकी मदद से हम अलग अलग तरह की आवाजों को सुन पाते हैं और इन आवाजों को सुनकर अपनी समझ विकसित कर पाते हैं। इस वजह से एक स्वस्थ कान के लिए इनकी देखभाल और कान की सफाई भी जरूरी होती है। इसलिये आज करनालप्लस के इस आर्टिकल में Naturopath Leena Srigyan से समझेंगे की कान की सफाई किस प्रकार की जा सकती है।
कर्ण पूरण- इस आयुर्वेदिक चिकित्सा से करें कान की सफाई
कर्ण पूरण ये एक आयुर्वेदिक चिकित्सा है जिससे मस्तिष्क और कान संबंधी विकार दूर किये जा सकते हैं। हमारे सेंस ऑर्गन्स जैसे कान, आँख आदि सब मस्तिष्क से जुड़े होते हैं। दिमाग से जुड़े रोग जैसे लकवा, पर्किनसंस या कान से जुड़ी समस्या जैसे कान में गंदगी, पस्स आना, कोई इन्फेक्शन, ऊंचा सुनाई देना या सिर्फ स्वस्थ रहने के लिए कर्ण पूरण का प्रयोग किया जा सकता है।
वैसे भी आजकल शहरों या महानगरों में हमेशा ध्वनि प्रदूषण के कारण हमारे कानों पर काफी प्रभाव पड़ता है। इस इसलिये कानों को इस चिकित्सा के द्वारा स्वस्थ रखा जा सकता है।
कर्ण पूरण चिकित्सा करने की विधि
इस विधि के लिए तिल का तेल, अणु तेल या षदबिन्दु तेल का प्रयोग किया जा सकता है। ये सभी तेल कानों के लिए लाभदायक होते हैं। इस विधि में 15 से 20 मिनट के लिए कान में इनमे से कोई भी एक तेल डाल सकते हैं। तेल को हल्का गुनगुना करके डालना है और सिर की हल्की हल्की मालिश करनी है। 15 से 20 मिनट बाद इस तेल को कान से निकलने के लिए रूई लेकर कान में लगा देंगे और मरीज को करवट लेकर दूसरे साइड लेट जाना है जिससे सर तेल रूई सोख लेगी।
इस चिकित्सा से कान, मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को पोषण मिलता है। जिस वजह से मस्तिष्क और कान संबंधी समायाएँ दूर हो जाती हैं।
Disclaimer– Karnalplus के आर्टिकल में Naturopath Leena Srigyan ने कान की सफाई के लिए एक आयुर्वेदीक तरीका बताया है। कोई भी उपाय, सुझाव, दवा, डाइट, थेरेपी या नुस्खा आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और अपनी समझ से काम ले।
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